Muzaffarpur Cataract Operation: अंखफोड़वा कांड के मरीजों का पूर्ण इलाज नहीं हो रहा है. ये आरोप खुद पीड़ितों ने मुजफ्फरपुर स्थित एसकेएमसीएच अस्पताल पर लगाया है. दरअसल, अंखफोड़वा कांड का शिकार हुए सभी मरीज जो एसकेएमसीएच में भर्ती थे, उन्हें गुरुवार को डिस्चार्ज किया गया. डिस्चार्ज हुए मरीजों ने बताया कि आंखों में अभी भी परेशानी है. उसके बाद भी उन्हें डिस्चार्ज किया जा रहा है. आंखें निकाले जाने के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज हुए लोगों को चिंता है कि अब उनकी आगे की जिंदगी कैसे कटेगी.


65 लोगों का हुआ था ऑपरेशन


मालूम हो कि जिले के प्रतिष्ठित आई हॉस्पिटल में 22 नवम्बर को 65 लोगों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया था. हालांकि, इसके बाद 16 लोगों की आंखे निकालनी पड़ी थी. वहीं, ऑपरेशन के बाद अन्य लोग जो बीमार थे, उन्हें इलाज के लिए एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया था. वहीं, करीब 12 लोगों को बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया गया था. 


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एसकेएमसीएच में भर्ती सभी मरीजों को गुरुवार को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया. इस दौरान कई मरीजों की शिकायत थी कि उनकी आंखों में अभी भी तकलीफ है, फिर भी उन्हें डिस्चार्ज किया जा रहा है. वहीं, कई मरीज अपने आगे की जीवन को लेकर आशंकित दिखे.


अस्पताल से डिस्चार्ज होती हुई कौशल्या देवी की बेटी ने बताया कि उसकी मां की देखभाल उसके बेटे नहीं करते हैं. जबकि उसके भी पति बीमार रहते हैं. अब किस प्रकार उसकी मां की वो सेवा कर पाएंगी. पहले से ही उसकी एक पैर खराब है, अब आंख भी निकाल ली गई है.


एसकेएमसीएच के सुपरिटेंडेंट ने कही ये बात


वहीं, एसकेएमसीएच के सुपरिटेंडेंट बाबु साहेब झा ने बताया कि सभी लोगों के आंखों का इलाज करके उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है. सभी को तीन महीने बाद पत्थर की आंखे लगाई जाएंगी. इस बीच किसी प्रकार की परेशानी होने पर सभी लोग डॉक्टरों से संपर्क कर सकते हैं.


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