पटनाः आज शारदीय नवरात्र का पहला दिन है. आज मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां  शैलपुत्री की पूजा की जाती है. आज के दिन ही कलश स्थापना भी किया जा रहा  है. मां दुर्गा के भक्त अपने-अपने तरीके से आस्था के साथ माता की पूजा कर रहे हैं. पटना में एक अनोखा भक्त भी है जिसने अपने सीने पर 21 कलश रखा है. 21 कलश का वजन करीब 50 किलो है.


पटना के पुनाईचक स्थित नौलखा मंदिर में पिछले 26 सालों से माता के भक्त नागेश्वर बाबा शारदीय नवरात्र में 9 दिनों तक अपने सीने पर कलश रखकर माता की आराधना में जुट जाते हैं. आज मंदिर में नागेश्वर बाबा ने अपने सीने पर विधिवत रूप से कलश रखा. नवमी को हवन के साथ ही यह खत्म होगा. इस दौरान भक्त नागेश्वर कुछ नहीं करेंगे.


दो दिन पहले ही बंद कर दिया खाना-पीना


भक्त नागेश्वर बाबा बताते हैं कि 36 साल की उम्र से लगातार सीने पर कलश रखकर माता की आराधना करते आ रहे हैं. शुरू में एक कलश रखकर आराधना शुरू की थी. बाद में कलश की संख्या बढ़ती गई. आज 21 कलश सीने पर रखकर आराधना कर रहे हैं. कलश का वजन लगभग 50 किलो है. उन्होंने कहा कि माता का आशीर्वाद है कि उन्हें कभी भी ना भूख लगी न प्यास लगा. वो दो दिन पहले से ही खाना पीना बंद कर चुके हैं. वे दशमी तक माता की आराधना करेंगे और एकादश को भोजन ग्रहण करेंगे.


कोरोना काल में भी की आराधना


मंदिर के व्यवस्थापक विजय यादव ने बताया कि नागेश्वर बाबा की आस्था है और माता आस्था रखने वाले भक्तों पर कृपा बनाए रखती हैं. मां की कृपा ही है कि वे लगातार तप करते हुए माता की पूजा करते हैं. कोरोना काल में दो साल मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बंद था लेकिन नागेश्वर बाबा माता की पूजा सीने पर कलश रखकर हर साल की तरह उस कोरोना काल में भी आराधना करते रहे हैं.


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