Chirag Paswan: लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और हाजीपुर से लोकसभा सांसद और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ दाखिल उस चुनाव याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें गंभीर आपराधिक आरोपों को छिपाने का आरोप लगाते हुए चुनाव रद्द करने की मांग की गई थी.

जस्टिस अमित बंसल की अदालत ने याचिका को खारिज करते हुए साफ कहा कि चुनाव बिहार में हुआ था और दिल्ली हाईकोर्ट के पास इस पर सुनवाई करने का क्षेत्रीय अधिकार नहीं है. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा यह अदालत इस मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकती. चुनाव याचिका उसी हाईकोर्ट में दाखिल की जानी चाहिए जहां चुनाव संपन्न हुआ है.

याचिकाकर्ता ने लगाया था आरोप

याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि वह यौन उत्पीड़न की पीड़िता हैं और यह कृत्य प्रिंस राज एवं उनके सहयोगियों द्वारा, जिनमें चिराग पासवान भी शामिल थे, उनके इशारे पर हुआ. याचिका में आरोप लगाया गया कि पासवान ने अपने नामांकन पत्र में इस गंभीर आरोप का खुलासा नहीं किया, जो कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125A का स्पष्ट उल्लंघन है. याचिकाकर्ता का कहना था कि इस जानकारी को छिपाकर चिराग पासवान ने जनता और चुनाव आयोग को गुमराह किया, इसलिए उनका निर्वाचन रद्द किया जाना चाहिए.

चुनाव आयोग के अधिवक्ता सिद्धांत कुमार ने याचिका की वैधता पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि याचिकाकर्ता न तो हाजीपुर सीट की मतदाता हैं और न ही उम्मीदवार. इसलिए उनके जरिए दायर चुनाव याचिका जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत स्वीकार्य नहीं है. केंद्र सरकार के वकील ने भी इस दलील का समर्थन करते हुए कहा कि तकनीकी और कानूनी रूप से यह याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई योग्य नहीं है.

अदालत ने छोड़ा वैकल्पिक रास्ता खुला

हालांकि, अदालत ने याचिकाकर्ता को पूरी तरह निराश नहीं किया. कोर्ट ने कहा, याचिकाकर्ता अन्य कानूनी उपायों को अपनाने के लिए स्वतंत्र हैं, जैसा कि कानून में उपलब्ध है, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने फिलहाल इस मामले में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है.

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