पटना: केंद्रीय नेतृत्व ने ये स्पष्ट कर दिया कि दरभंगा एम्स के निर्माण डीएमसीएच की जगह नहीं होगा. बल्कि नए एम्स का निर्माण अलग जमीन पर होगा. मंगलवार को राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी के सवाल के जवाब में केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि दरभंगा मेडिकल काॅलेज औए अस्पताल को उत्क्रमित कर एम्स का निर्माण नहीं किया जाएगा बल्कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सितम्बर, 2020 में प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) के तहत दरभंगा में 1,264 करोड़ रुपये की लागत से अलग नया एम्स स्थापित करने की स्वीकृति दी है. यानी डीएमसीएच भी बना रहेगा और अलग से नया एम्स बनेगा.


राज्य सरकार नहीं उपलब्ध कराई जमीन  


उन्होंने कहा कि दरभंगा में नए एम्स के निर्माण के लिए राज्य सरकार को चिन्हित और पूर्णतः बाधा से मुक्त 200 एकड़ जमीन उपलब्ध कराना है. मगर अब तक जमीन उपलब्ध नहीं कराई गई है. मंत्री ने बताया कि इसके अलावा पीएमएसएसवाई के अन्य घटक के तहत एक सुपर स्पेशियलिटी ब्लाॅक (एसएसबी) स्थापित करने के लिए 150 करोड़ रुपये की लागत से दरभंगा मेडिकल काॅलेज के उन्नयन की स्वीकृति भी केन्द्र सरकार की ओर से दी गई है. एसएसबी के निर्माण का कार्य 77.13 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है.


सुशील मोदी ने पूछे थे ये सवाल


दरअसल, काफी समय से चर्चा चल रही थी कि दरभंगा में मौजूदा डीएमसीएच को उत्क्रमित कर नए एम्स का निर्माण कराया जाएगा. ऐसे में राज्यसभा सांसद सुशील ने राज्यसभा में ये सवाल किया था कि क्या यह सच है कि वर्तमान "दरभंगा मेडिकल कॉलेज" को ही उत्कमित कर एम्स बनाया जाएगा, अगर हां तो दरभंगा एम्स के निर्माण की प्रगति का ब्यौरा क्या है? इन्हीं सवालों का जवाब देते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने जवाब देते हुए ये स्पष्ट कर दिया है कि एम्स के निर्माण अलग जमीन पर कराया जाएगा.


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