पटना: पूरे देश में कोरोना संक्रमण ने फिर एक बार पांव पसारना शुरू कर दिया है. ऐसे में कोरोना को लेकर बिहार सरकार पूरी तरह से अलर्ट हो गयी है. सीएम नीतीश कुमार भी इस मुद्दे पर गंभीर देख रहे हैं. इसी वजह से सोमवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की महत्वपूर्ण बैठक हुई है, जिसमें कोरोना संक्रमण से बचने और उसे फैलने से रोकने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया.

इस संबंध में बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग शुरू से गंभीर है. पिछले साल से लेकर आजतक विभाग ने कोरोना को लेकर बहुत गंभीरता और जिम्मेदारी के साथ काम किया है. उसी का परिणाम है कि आज बिहार के अंदर 350 से भी कम कोरोना मरीज हैं. वहीं, 6 जिले ऐसे हैं, जहां कोरोना मरीजों की संख्या शून्य है. बिहार में रिकवरी रेट भी बहुत ज्यादा है.

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में देश के दूसरे राज्यों में कोरोना मरीजों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है. ऐसे में हम सारी परिस्थिति पर नजर रख रहे हैं और परिस्थितियों के आलोक में हमलोग काम भी कर रहे हैं.

मंगल पांडेय ने कहा कि कोरोना टेस्टिंग का काम जारी है. जब दूसरे राज्यों में कोरोना का मामला बढ़ा तो हमारे विभाग ने भी यह निर्णय लिया कि हम टेस्टिंग के संख्या को और बढ़ाएंगे. इसके साथ ही एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर हम रैंडम टेस्ट करेंगे.

उन्होंने कहा कि दूसरे राज्य जैसे- महाराष्ट्र, पंजाब और केरल में बिहार के रहने वाले लोग अगर घर वापस आएंगे तो उनलोगों के स्वास्थ्य के संबंध में हम विशेष चिंता करेंगे. वहीं, राज्य में कोरोना का प्रभाव नहीं बढ़े, इसको लेकर हर जिले के सिविल सर्जन और जिलाधिकारी निगरानी कर रहे हैं.

होली मिलन समारोह पर लगी रोक को लेकर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए हमलोग सचेत हैं. इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि होली पर किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं होगा. उन्होंने लोगों से अपील की, कि भले ही कोरोना को नियंत्रित करने में बिहार सफल रहा है. लेकिन बिहार में अभी कोरोना खत्म नहीं हुआ है और कोरोना से बचाव बहुत जरूरी है.