पटना: बिहार में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी, रिसर्च विभाग और मैनिफेसटो कमिटी के चेयरमैन ने शुक्रवार को बयान जारी कर चुनाव आयोग से स्थिति सामान्य होने तक बिहार में पंचायत चुनाव को स्थगित करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि राजनीतिक रैलियों ने कोरोना काल में सबसे ज्यादा कहर मचाया है.


राज्य में हर तरफ मचा हुआ है हाहाकार


उन्होंने कहा, " जानकारी मिली कि चुनाव आयोग बिहार में पंचायती राज चुनाव के लिए अधिसूचना जारी करने की तैयारी कर रहा है. शायद जून 2021 में चुनाव हो. लेकिन राज्य में हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है. कोरोना की इस दूसरी लहर में कोई नहीं बच पा रहा. वरीय प्रशासनिक अधिकारी, राजनीतिज्ञ, डाक्टर, फ्रंट लाइन हेल्थ वर्कर, जन प्रतिनिधि, आम जनता सभी कोरोना के शिकार हो रहे हैं और उनकी मौतें हो रही हैं."


वहीं, दूसरी ओर अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर की घोर कमी, रेमिडेशिवर इंजेक्शन की कमी, कंसल्वेन्ट प्लाजमा और हॉस्पिटल में बेड की भयानक कमी है. पूरे बिहार की स्थिति गंभीर. भगवान ही इस राज्य का खेवनहार है. ऐसे में अगर पंचायत चुनाव कराया जाएगा तो ये महामारी कितनों को लील जायेगी, इसका अंदाजा लगाना भी कठिन है. 


चुनाव आयोग अपने विशेष अधिकार का करे उपयोग


कांग्रेस नेता ने कहा, " चुनाव आयोग अपने विशेष अधिकार का उपयोग करते हुए बिहार पंचायत चुनाव को कम से कम छह महीने के लिए आगे बढ़ा दे. मालूम हो कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी वहां पंचायत चुनाव को आगे बढ़ाने की अपील की है. पांच राज्यों में जहां चुनाव है, वहां कोरोना से होने वाले मौतों में 45 % की बढ़ोतरी हुई है."


उन्होंने कहा, " बिहार सरकार को भी इस मामले में चुनाव आयोग को पत्र लिखकर पंचायत चुनाव फ़िलहाल टालने. की अपील करनी चाहिए. चुनाव या उत्सव कुछ महीने ठहर सकता है क्योंकि जनता की जान से अधिक क़ीमती कुछ नहीं है."


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