पटना: बिहार के कई गांव इन दिनों बिजली संकट से जूझ रहे हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार कई गांव ऐसे हैं जहां केवल 10 घंटे ही बिजली की आपूर्ति की जा रही है. ऐसे में इस मुद्दे पर विपक्ष ने सूबे की नीतीश सरकार को घेरना शुरू कर दिया था. इस मुद्दे पर जब सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि समस्या तो है. हमने भी विभागीय अधिकारियों से रिपोर्ट मंगवा कर मौजूदा स्थिति की जानकारी ली है. पहली की तरह आपूर्ति नहीं हो रही, ये सही बात है. लेकिन महंगे दरों पर खरीद कर बिजली की आपूर्ति की जा रही है. जल्द ही समस्या का समाधान हो जाएगा.


पहले से अधिक आ रही लागत 


नीतीश कुमार ने कहा, " ऐसी स्थिति केवल बिहार में ही नहीं सभी जगह है. लेकिन यहां जो स्थिती है, उसको लेकर सभी लोग लगे हुए हैं. सभी अपने-अपने ढंग से काम करते हैं. यहां दूसरे स्थलों से भी लेकर बिजली आपूर्ति करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है. आज जो रिपोर्ट आई है, उसके आधार पर रिक्वायरमेंट 5500 से 5600 मेगावाट है. हम इतनी आपूर्ति करने में सफल होंगे. बीते पांच दिनों में 70 लाख यूनिट बिजली की खरीद की गई है, जिसकी कुल लागत 90 करोड़ है. अब खरीद में पैसे ज्यादा लग रहे हैं, लेकिन हमलोग कोशिश कर रहे हैं."


बहुत से बिजली घर का निर्माण कराया


नीतीश कुमार ने कहा, " हमने कितने थर्मल पावर स्टेशन शुरू करावाए. लेकिन बाद में ये तय किया सभी को एनटीपीसी को हैंडओवर कर देंगे. तो उनके साथ डील कर उन्हें हैंडओवर कर दिया गया है. अब ये राज्य के अधीन नहीं है. लेकिन शुरुआत के दिनों में हमने कितना काम किया है. कितने बिजली घर का निर्माण कराया. लेकिन बाद में सब हैंडओवर कर दिया गया. सीएम नीतीश ने कहा, " बरौनी ताप विद्युत केंद्र के लिए डिपार्टमेंट काम कर रहा है. एक माह में वो भी चालू हो जाएगा. इकाई संख्या 6 और 9 में दस दिनों में काम चालू हो जाएगा. मुजफ्फरपुर ताप विद्युत केंद्र की भी यही स्थिति है."



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