पटना: एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने कोरोना महामारी के बीच JEE और NEET की परीक्षा कराए जाने को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखा है. अपने पत्र में चिराग पासवान कोरोना काल में परिवहन सुविधा के अलावा परीक्षा केंद्र और बाढ़ का प्रभाव कम होने तक और रुकने लिए होटल की सुविधा अधिकांश नहीं होने के कारण परीक्षा स्थगित करने की गुहार लगाई है.


केंद्रीय शिक्षा मंत्री को लिखे पत्र में चिराग पासवान ने कहा, " इस पत्र के जरिये से लगभग 25 लाख बच्चों की समस्या संज्ञान में देना चाहता हूं जो इस वर्ष JEE और NEET की परीक्षाओं में बैठने जा रहे है कोरोना महामरी एयर लॉकडाउन से उत्पन्न हुई परिस्थितियों की वहज से JEE और NEET में आकांक्षी छात्र-छात्राएं और उनके अभिभावक बहुत चिंतित हैं.


उन्होंने कहा, " यह समस्या सिर्फ मेरी लोकसभा क्षेत्र जमुई या सिर्फ बिहार के बच्चों के लिए नहीं बल्कि पुरे भारत के बच्चों लिए है. JEE की परीक्षा 1 सितम्बर से 6 सितम्बर के बीच और NEET की परीक्षा 13 सितम्बर को निर्धारित की गई है. छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों का कहना है कि अभी भी कई राज्यों में लॉकडाउन के वहज से और लगातार बढ़ रहे कोरोना मरीजों की संख्या के चलते सरकारी परिवहन सेवा जैसे बसें, इन्टरसिटी ट्रेनें काम नहीं कर रही है. ऐसे में परीक्षार्थीयों का परीक्षा केन्द्र तक पहुंचना अत्यंत मुसकिल रहेगा."


चिराग पासवान ने कहा, " परीक्षा में बैठने वाले बच्चे बेहद गरीब परिवार से भी आते हैं, जिनकी आंखों में कुछ बनने का सपना है. ऐसे में वह सभी बच्चे बिना सरकारी परिवहन सुविधा के परीक्षा केंद्र कैसे जा पाएंगे. बिहार जैसे राज्यों में यह समस्या और बढ़ जाती है क्योंकि अगामी 6 सितम्बर तक बिहार में लॉकडाउन की घोषणा की गई है. बिहार में लॉकडाउन के चलते तो जो समस्या बनी हुई है, वह तो है ही साथ में बिहार के लगभग 15 जिले भीषण बाढ़ की चपेट में हैं, जिससे वहां से बच्चों का परीक्षा केन्द्र जाना लगभग असंभव है."


उन्होंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री से कहा, " कई बच्चों और अभिभावकों ने मुझे इस समस्या को आपके संज्ञान में देने का आग्रह किया है और यह भी बताया कि कई बच्चे ऐसे हैं जो कोरोना संक्रमित हैं उनके लिये कोई नियम की स्पष्टा नहीं है. ऐसे में वह अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित है. JEE और NEET के परीक्षा में लगभग 25 लाख बच्चे शामिल होंगे और लगभग 15 कराड़ लोग इससे प्रभावित होंगे. भारत में प्रतिदिन 60 से 65 हजार कोरोना केस सामने आ रहे है. ऐसे में परीक्षार्थियों के घर में मौजूद बुर्जुगों की संक्रमण होने की संभावना बढ जाएगी."


चिराग ने कहा, " कई राज्यों ने स्थानीय स्तर पर परीक्षाएं करवाई है, जिसमें SOP का पालन होना सम्भव नहीं हो पाया जिससे कोरोना के खिलाफ लड़ाई कमजोर हुई है. निश्चित ही इससे संक्रमण बढ़ा है. अभिभावक का कहना कि JEE और NEET की परीक्षाओं में बैठने वाले सभी बच्चों की अधिकतर उम्र 17 से 19 वर्ष होती है, जिसके कारण इनके अभिभावक भी परीक्षा केंद्र इनके साथ जाते हैं क्योंकि JEE और NEET की परीक्षा दो शिफ्ट में होनी है इस वहज से सुबह की परीक्षा में बैठने के लिए एक दिन पहले केंद्र पास कहीं रुकना पड़ेगा, जो लॉकडाउन में संभव नहीं है."


उन्होंने कहा, " बिहार राज्य की प्रति परिवार आय देश में सबसे निचले पायदान पर है जिसको देखते हुए मुझे यह कहने में अतिशयोक्ति नहीं है कि बिहारी परिवार के लिए अपने बच्चों को ऐसी कठिन परिस्थिति में परीक्षा केन्द्र भेजने में या साथ ले जाने में आर्थिक कठिनाई का भी सामना करना पड़ेगा. बिना सरकारी परिवहन व्यवस्था के परीक्षा केन्द्र पहुंचना मुश्किल है और इससे संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाएगा. मौजूदा परिस्थिति और अपने भविष्य की अनिश्चितता के घबराहट से देश भर में कई बच्चों ने आत्महत्या भी की है. ऐसे में आग्रह है कि परीक्षा स्थगित कर दी जाए."