पटना: लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा (Chhath Puja 2022) का आज दूसरा दिन खरना है. पटना से 40 किलोमीटर दूर देश के 12 सूर्य मंदिरों में शामिल दुल्हिन बाजार प्रखंड स्थित उलार सूर्य मंदिर (Ular Sun Temple) में छठ पूजा के दूसरे दिन से ही छठ व्रतियों का आना शुरू हो गया है. इस साल छठ पूजा को लेकर जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार की तरफ से भी उलार सूर्य मंदिर में छठ व्रतियों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. सुरक्षा को लेकर एसडीआरएफ एवं एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गईं हैं.


उलार सूर्य मंदिर पहुंचे कई छठ व्रती


उलार सूर्य मंदिर पहुंचने से पहले सभी छठ व्रती पौराणिक अतिप्राचीन तालाब की परिक्रमा करने के बाद ही मंदिर में प्रवेश कर रहे. पूजा कर रहे हैं. दो सालों के बाद छठ पूजा को लेकर काफी रौनक देखने को मिल रही. उलार सूर्य मंदिर में दो सालों के बाद काफी भीड़ उमड़ी है. प्रदेशभर से छठ व्रती पूजा करने, अपनी मन्नत उतारने मंदिर पहुंच रहे. कहीं महिलाएं नेटवा नाच करा कर अपनी मन्नत उतार रही तो कहीं महिलाएं अपने बेटे का मुंडन करा कर मन्नत उतार रहीं हैं. छठ पूजा के मद्देनजर खुद पालीगंज एएसपी अवधेश सरोज स्थानीय थानाअध्यक्ष मनोज कुमार दल बल के साथ उलार छठ घाट का निरीक्षण कर रहे.




उलार सूर्य मंदिर का इतिहास 


हिन्दुओ के प्रसिद्ध धर्मग्रंथ साम्ब पुराण में वर्णित कथाओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण के जाम्बवन्ती पुत्र राजा साम्ब सुंदर स्त्रियों व युवतियों के साथ सरोवर में स्नान कर रहे थे. उसी समय महर्षि गर्ग सरोवर के नजदीक वाले रास्ते से कहीं जा रहे थे. उनको देखने के बावजूद भी राजा साम्ब ने उनका न तो अभिवादन किया बल्कि युवतियों से अलग तक नहीं हटे. इधर, राजा साम्ब ने महर्षि का उपहास किया जिससे क्रोधित होकर महर्षि गर्ग ने राजा साम्ब को कुष्ठ रोगी होने का श्राप दे दिया. 


राजा साम्ब को मिला था श्राप


इस घटना की जानकारी पाकर भगवान श्रीकृष्ण को बहुत दुख हुआ. उन्होंने राजा साम्ब को इस श्राप से मुक्ति के लिए शाकद्वीप से वैद्य व सूर्य उपासक ब्राह्मणों को बुलाकर उपचार व भगवान सूर्य की उपासना करवाई. जिन नदियों व तालाबों के किनारे की मिट्टी व जल में गंधक की मौजूदगी पाई गई. वहां यज्ञ का आयोजन करवाकर अर्क स्थल के रूप में प्रतिस्थापित किया. इसमें बारह अर्क स्थल शामिल हैं जैसे उलार के ओलार्क, उड़ीसा के कोणार्क, देव के देवार्क, पंडारक के पुण्यार्क, अङ्गरी के औंगार्क, काशी के लोलार्क, कन्दाहा सहरसा के मार्केण्डेयार्क, उत्तराखंड कटारमल के कटलार्क, बड़गांव के बालार्क, चंद्रभागा नदी किनारे चानार्क, पंजाब के चिनाव नदी किनारे आदित्यार्क व गुजरात के पुष्पावती नदी किनारे मोढेरार्क शामिल हैं. 




बाधाओं से मिलती है मुक्ति


बताया जाता है कि उस दिन से लेकर आज तक हिन्दू धर्म को मानने वाले लोग इन स्थलों पर पूजा अर्चना कर रोगों व बाधाओं से मुक्ति पा रहे हैं. वहीं उलार सूर्य मंदिर के महंत एवं मुख्य पुजारी अवध बिहारी दास ने बताया कि देश के 12 सूर्य मंदिर में शामिल उलार सूर्य मंदिर का इतिहास काफी पुराना है. यह पौराणिक सूर्य मंदिर है जहां अगर सच्चे मन से श्रद्धालु मांगते हैं तो उनकी मुरादे पूरी होती हैं. आगे उन्होंने कहा कि ऐसी मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण के पुत्र राजा साम्ब को ऋषि-मुनियों की तरफ से श्राप मिला था जिसे समाप्त करने को लेकर देश के 12 सूर्य मंदिर में पूजा आराधना करने की बात कही गई. 


12 सूर्य मंदिरों में दूसरे नंबर पर पटना का दुल्हिन बाजार 


12 सूर्य मंदिरों में दूसरे नंबर पर दुल्हिन बाजार का उलार सूर्य मंदिर है. यहां तालाब में राजा साम्ब ने स्नान करते हुए सूर्य भगवान का आराधना की. इसके बाद कुष्ठ जैसे रोग से निजात मिला. इध,र छठ पूजा को लेकर उलार मंदिर पहुंची भागलपुर की रहने वाली सीमा सिन्हा ने बताया कि उलार सूर्य मंदिर का इतिहास काफी सुना है. यहां पर अगर सच्चे मन से मांगा जाए तो मन्नत पूरा होती है. कहा कि वह अपने परिवार के साथ छठ पूजा करने उलार मंदिर पहुंचीं हैं. उलार सूर्य मंदिर में हमारी भतीजी का मुंडन माना हुआ था. मन्नत मांगा गया और वो मन्नत पूरी होने के बाद मुंडन कराया जा रहा है.




उलार सूर्य मंदिर में विशेष व्यवस्था


वहीं सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पालीगंज एएसपी अवधेश सरोज दीक्षित ने कहा कि पटना पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन की तरफ से उलार सूर्य मंदिर में छठ व्रतियों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. सुरक्षा को लेकर सभी जगहों पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है. सीसीटीवी के साथ निगरानी में  रखा गया है.


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