पटना: नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) ने आईपीसी, सीआरपीसी और आईए (IPC CRPC And Evidence Act New Bill) में प्रस्तावित बदलाव का स्वागत करते हुए शनिवार को कहा है कि स्वावलंबी भारत बनाने की दिशा में यह एक क्रांतिकारी कदम है. उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) का आभार व्यक्त किया. आगे उन्होंने कहा कि 150 वर्षों से देश की न्याय व्यवस्था इन पुराने कानूनों के बोझ तले दबी थी. न्याय मिलने में तीन-तीन पीढ़ियों को प्रतीक्षा करनी पड़ती थी. इन जटिल और अस्पष्ट विधानों में दोषियों को सजा देने और निर्दोषों को बरी करने में न्याय व्यवस्था के समक्ष भी परेशानियों का अंबार लगा रहता था. तारीख पर तारीख को लेकर कई फिल्में भी बनाई जा चुकी हैं. नई व्यवस्था लागू होने पर इन सब परेशानियों से लोगों को मुक्ति मिलेगी.


विपक्ष में भ्रष्टाचारी नेताओं की संख्या अधिक है- विजय सिन्हा


विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि गुलामी की सभी निशानियों को हटाने में एकमात्र बीजेपी ही सक्षम है. कांग्रेस पार्टी ने देश में 55 वर्षों से अधिक समय तक राज करने के बावजूद इन कानूनों में बदलाव के बारे में नहीं सोची. वे आज भी राजद्रोह जैसे कानून के पक्षधर है. देश में जबकि लोकतंत्र है. गरीबों को तेजी से न्याय मिले, उनकी प्राथमिकता में नहीं था. विपक्षी गठबंधन में भ्रष्टाचारी नेताओं की संख्या अधिक है, इसलिए उनको ऐसी न्याय व्यवस्था चाहिए जिसमें अधिक से अधिक समय लगे और उन पर कानूनी शिकंजा नहीं कसे.


'कचहरी के अनावश्यक चक्कर लगाने से मुक्ति मिलेगी'


नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कानून में इन बदलावों के बाद आम जनों को पुलिस के मनमानी रवैया से राहत मिलेगी. समय सीमा तय हो जाने पर लोगों को कोर्ट कचहरी के अनावश्यक चक्कर लगाने से मुक्ति मिलेगी. पूर्व में 2020 भारत सरकार ने सैकड़ों श्रम कानूनों में सुधार और बदलाव कर एक समेकित श्रम संहिता का निर्माण किया था, जो देश के श्रमिकों के लिए मील का पत्थर साबित हुआ है. फैक्टरी में हड़ताल, तालाबंदी और अनुपस्थिति बंद हो गई और उत्पादकता बढ़ गई, जिसके कारण श्रमिकों के भुगतान में भी एकरूपता और निरंतरता बढ़ी है.


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