बिहार में बीजेपी नेता विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) को नेता विपक्ष बनाया गया है. उन्होंने बुधवार को ही बिहार विधानसभा के स्पीकर पद से इस्तीफा दिया है. विजय सिन्हा की गिनती बिहार बीजेपी के सीनियर नेताओं में होती है. पिछली सरकारों में मंत्री रह चुके हैं. इस फैसले पर बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि विजय सिन्हा विधायक दल के नेता होंगे और सम्राट चौधरी विधान परिषद में हमारे नेता होंगे. विजय सिन्हा भूमिहार समुदाय से आते हैं. बीजेपी के इस फैसले को भूमिहार समुदाय को खुश करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. 


दरअसल, बिहार में चर्चा है कि भूमिहार समुदाय बीजेपी से नाराज है. बोचहां विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में आरजेडी की जीत से ये बात पुख्ता होती दिखाई दी. ऐसे में इस समीकरण को साधने के लिए बीजेपी ने नेता विपक्ष के तौर पर विजय कुमार सिन्हा के नाम पर मुहर लगाई. 


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इससे पहले बुधवार को विजय कुमार सिन्हा ने सत्तारूढ़ महागठबंधन द्वारा उनके खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर नाराजगी जताने के बाद सदन में स्पीकर पद से इस्तीफा देने की घोषणा की. महागठबंधन सरकार के शक्ति परीक्षण के लिए बुलाए गए विधानसभा के विशेष सत्र के शुरू होते ही उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव पर अपना जवाब देने के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी. इससे पहले, उन्होंने विधानसभा उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी के बजाय सदन की आगे की कार्रवाई वरिष्ठ सदस्य नरेंद्र नारायण यादव द्वारा संचालित किए जाने की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘बहुमत का सम्मान करते हुए मैं अपने पद से इस्तीफा देता हूं.’’


हजारी के बजाय नरेंद्र नारायण यादव द्वारा आगे की कार्रवाई संचालित किए जाने की घोषणा का विरोध करते हुए संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने अपनी सीट से उठकर कहा, ‘‘यह नियमों के खिलाफ है. अध्यक्ष की अनुपस्थिति में उपाध्यक्ष कार्यवाही का संचालन करते हैं.’’ इस बीच, हंगामे के बीच वह जल्दबाजी में सदन से बाहर निकले और बीजेपी के विधायक भी ‘भारत माता की जय’ और ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए उनके पीछे बाहर निकल आए.


इस्तीफे से पहले विजय कुमार सिन्हा ने करीब 20 मिनट का भाषण दिया और दावा किया कि वह सरकार में अचानक बदलाव के बाद ‘‘स्वयं इस्तीफा देना चाहते थे’’, लेकिन जब उन्हें पता चला कि उनके खिलाफ एक अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है, तो उन्होंने ऐसा नहीं करने का फैसला किया. उन्होंने कहा, ‘‘प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देना मेरे लिए अनिवार्य हो गया था. प्रस्ताव पेश कर रहे कुछ सदस्यों ने आरोप लगाया कि मैं अलोकतांत्रिक और तानाशाही रहा हूं. मैं यह स्वीकार नहीं कर सकता.’’ सिन्हा ने कहा, ‘‘मैं बहुमत का सम्मान करते हुए विधानसभा अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देता हूं.’’


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