पटना: चुनाव चाहे कोई भी हो आरक्षण हमेशा से चुनावी मुद्दा रहा है. ऐसे भी बिहार चुनाव में भी आरक्षण का मुद्दा उठाने लगा है. लेकिन इस बार इस मुद्दे पर मजबूती का दम भर रही एनडीए घटक दलों की गांठ ढीली पड़ने लगी है. दरसअल, जेडीयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले दिनों पश्चिमी चंपारण के वाल्मीकि नगर में कहा था कि उन्हें आबादी के अनुसार आरक्षण व्यवस्था से कोई दिक्कत नहीं है."


दूसरे चरण के चुनाव से पहले जनसभा संबोधित करते हुए आरक्षण जैसे गंभीर मुद्दे पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि जनगणना हम लोगों के हाथ में नहीं है. लेकिन हम चाहेंगे कि जितनी लोगों की आबादी है, उस हिसाब से लोगों को आरक्षण मिले. इसमें हमारी कोई दो राय नहीं है. हालांकि, सीएम ने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या वो जाति आधारित जनगणना के आंकड़ों का हवाला दे रहे हैं.


इधर, सीएम नीतीश के राय से इतर केंद्रीय मंत्री और सांसद रविशंकर प्रसाद ने इस बयानों की ओर इशारा करते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने आरक्षण का समर्थन किया है. लेकिन इसमें कुछ भी असंवैधानिक नहीं होगा.


गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के पहले चरण में 71 सीटों पर मतदान 28 अक्टूबर को सम्पन्न हो चुका है, जिसमें मतदान 54.26 प्रतिशत रहा. बिहार चुनाव के अन्य दो चरण 3 नवंबर और 7 नवंबर को हैं. इसके अलावा 7 नवंबर को वाल्मीकि नगर लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव होना है. वहीं, चुनाव परिणाम 10 नवंबर को घोषित किए जाएंगे.


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