गया: बिहार के गया जिले के नक्सल प्रभावित इलाके के रौशनगंज पंचायत के बालासोत गांव में ग्रामीणों ने पंचायत चुनाव के नौवें चरण के मतदान से पहले अनोखी पहल की है. ग्रामीणों ने यह निर्णय लिया है कि जो उम्मीदवार नोट देकर वोट खरीदना चाहते हैं, उन्हें गांव में प्रवेश नहीं करने दिया जाए. अगर वो जबरन अंदर आना चाहें तो उनका पुरजोर विरोध किया जाए. साथ ही उन्हें पुलिस को सौंप दिया जाए. इस बाबत गांव में जगह-जगह पर्चा भी चिपकाया गया है.


चुनाव आयोग को देना चाहिए ध्यान 


गौरतलब है कि जहां नक्सलियों द्वारा चुनाव का बहिष्कार करने का फरमान जारी किया जाता है, अब उसी इलाके में नोट से वोट खरीदने वाले उम्मीदवारों का बहिष्कार करने का ग्रामीणों ने निर्णय लिया है. ग्रामीण इंद्रदेव यादव बताते हैं कि पंचायत चुनाव में चुनाव आयोग को इस पर ध्यान देना चाहिए कि दर्जनों वाहनों के काफिले से उम्मीदवार गांव में घूमते हैं. तय राशि से 10 गुना अधिक खर्च वोटरों को खरीदने और पार्टी आदि पर करते हैं.


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ऐसे में चुनाव जीतने के बाद ये गांव के विकास की जगह विनाश होना शुरू हो जाता है. ये देखते हुए ग्रामीणों ने निर्णय लिया है कि पंचायत के विकास के लिए नोट से वोट खरीदने वाले उम्मीदवारों का बहिष्कार किया जाए, ताकि गांव में ही सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हो. इधर, ग्रामीणों के इस फैसले की सराहना उस क्षेत्र के कई उम्मीदवार भी कर रहे हैं. वे बताते हैं कि जो काम चुनाव आयोग को करना चाहिए वह काम अपने विकास के लिए ग्रामीण आगे आकर कर रहे हैं. 


वहीं, ग्रामीण सुधीर कुमार यादव ने अपील करते हुए कहा कि ग्रामीण इस बार पंचायत चुनाव में ईमानदार छवि के प्रत्याशी को चुनें. वहीं, पैसा बांटने वाले उम्मीदवारों का विरोध करें और उन्हें पुलिस के हवाले करें. पैसे वाले उम्मीदवार, पैसे के बल पर चुनाव जीत रहे हैं. लेकिन वे गांव का विकास नहीं कर रहे. ऐसे में जो आर्थिक रूप से कमजोर व ईमानदार उम्मीदवार हैं, जो जनप्रतिनिधि नहीं बन पा रहे, इस बार हमें उनका साथ देना है.



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