बेतियाः निगरानी की टीम ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए बेतिया के सीओ को ढाई लाख रुपये रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया है. चार दिनों के अंदर विजिलेंस की दूसरी कार्रवाई से हड़कंप है. राजस्व कर्मचारी के बाद अब सीओ की गिरफ्तारी ने अंचल कार्यालयों की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. मंगलवार की अल सुबह धनतेर के दिन शहर के कमलनाथनगर स्थित सीओ श्यामाकांत प्रसाद के आवास पर निगरानी की टीम ने धावा बोला. यहीं से निगरानी की टीम ने रिश्वत के ढाई लाख रुपये के साथ गिरफ्तार कर लिया.


बताया जा रहा है कि विनोद कुमार गुप्ता नाम के एक व्यक्ति ने 29 अक्टूबर को निगरानी में सीओ के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी जिसके सत्यापन के बाद आज इस मामले में कार्रवाई की गई है. विनोद कुमार गुप्ता ने 1987 में  इस्मत अली से चार कट्ठा ढाई धुर जमीन खरीदी थी और जमीन की दाखिल खारिज के साथ ही जमीन पर कब्जा भी विनोद कुमार गुप्ता का ही है.


यह भी पढ़ें- RJD ने जिस अधिकारी का ऑडियो वायरल किया था आज उसे ही मतगणना में लगाया गया, चुनाव आयोग पहुंचा मामला


मामला रफा दफा करने के लिए मांगे गए थे रुपये


छह अगस्त 2020 को जमीन बेचने वाले इस्मत अली के भतीजे की विधवा पत्नी सकीला खातून ने सीओ को उस जमीन का दाखिल खारिज अपने नाम से करने का आवेदन दिया जिसके बाद से सीओ द्वारा विनोद कुमार गुप्ता को पैसे के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा. इस बीच सीओ ने 22 अक्टूबर 2021 को जमीन की पैमाइश कराने के अमीन भेज दिया और 27 अक्टूबर को सीओ के इशारे पर पुलिस ने विनोद कुमार गुप्ता द्वारा कराए जा रहे निर्माण को रोक दिया.


विनोद कुमार गुप्ता सीओ के यहां गुहार लगाने पहुंचा तब सीओ ने मामले को रफा दफा करने के लिए ढाई लाख रुपये की मांग की जिसकी शिकायत पीड़ित ने 29 अक्टूबर को निगरानी में की थी. बता दें कि अभी 29 अक्टूबर को ही निगरानी की टीम ने चनपटिया के राजस्व कर्मचारी जगदीश राम को 12 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था. 



यह भी पढ़ें- Bihar News: दरभंगा में CM नीतीश कुमार पर बरसे तेजस्वी यादव, चुनाव परिणाम आने से पहले लगाया बड़ा आरोप