पटना: बिहार में नई सरकार का गठन हो चुका है. नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी सरकार में पहली बार उत्तर प्रदेश के तर्ज पर दो उपमुख्यमंत्री बनाए गए है. फिलहाल कुल 15 मंत्रियों को सरकार में शामिल किया गया है.शपथ लेने वालों में सबसे ज्यादा बीजेपी के 7, जेडीयू के 5 और हम-वीआईपी से एक-एक मंत्री शामिल हैं. इस नए मंत्रिमंडल में जातिगत समीकरण को भी साधने की पूरी कोशिस की गई है. जातिगत आदार पर नीतीश की नई सरकार के मंत्रियों को देखें तो 15 सदस्यीय मंत्रिमंडल में सभी वर्गों को शामिल करने की कोशिश की गई है.फिलहाल इस सरकार में सिर्फ मुस्लिम को जगह नहीं मिली है.



पिछड़ी जाति के पांच चेहरे




नीतीश कुमार की कैबिनेट में 4 सवर्ण, अति पिछड़ा वर्ग के 3, पिछड़ा वर्ग से 5, दलित वर्ग से 2 विधायकों को मंत्री पद दिया गया है. इस मंत्रिमंडल में जातिगर आधार पर गर्गीकरण करें तो वो कुछ इस प्रकार से है.
नीतीश कुमार -मुख्यमंत्री - पिछड़े वर्ग के कुर्मी जाति से आते हैं
तारकिशोर प्रसाद-उपमुख्य मंत्री- पिछड़े वर्ग के कलवार जाति से आते हैं.
रेणू देवी-उपमुख्य मंत्री-अति पिछड़े वर्ग के नोनिया जाति से आती हैं.
अमरेंद्र प्रताप सिंह -मंत्री- राजपूत जाति से आते हैं.
मंगल पांडेय- मंत्री- ब्राह्मण जाति से आते हैं.
जीवेश कुमार- मंत्री -भूमिहार जाति से आते हैं.
रामप्रीत पासवान- मंत्री- दलितों के पासवान जाति से आते हैं.
विजेंद्र यादव- मंत्री- यादव जाति से आते हैं.
विजय कुमार चौधरी- मंत्री- भूमिहार जाति से आते हैं.
अशोक चौधरी- मंत्री- दलित तबके के पासी जाति से आते हैं
रामसूरत राय- मंत्री- यादव जाति से आते हैं.
शीला कुमारी- मंत्री- अति पिछड़े मंडल जाति से आती हैं
मेवालाल चौधरी- मंत्री- कुशवाहा जाति से आते हैं
संतोष सुमन- मंत्री- दलितों के मुसहर जाति से आते हैं.
मुकेश सहनी- मंत्री- अति पिछड़े मल्लाह जाति से आते हैं.