पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया जिले में फिर एक बार पुलिस की लापरवाही सामने आई है. जिले में समय पर पुलिस के नहीं पहुंचने की वजह से गोली कांड को अंजाम दिया गया है. मामला जिले के श्रीनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत सहबज्जा गांव का है, जहां अपराधियों ने जमीन विवाद में चमक लाल यादव नाम के व्यक्ति को गोली मार दी. घटना के संबंध में पीड़ित ने बताया कि लंबे समय से जमीन विवाद चली आ रही है. इस क्रम में शुक्रवार दोपहर करीब 1:20 में जब वो अपने घर से निकले, तो उनकी नजर उनके खेत पर पड़ी, जहां कुछ लोग फसल बो रहे थे. साथ ही कुछ अज्ञात लोग भी वहां पर खड़े नजर आए.


विरोध करने पर की अंधाधूध फायरिंग 


ये देख चमक लाल यादव ने थाना प्रभारी को फोन कर इस बात की सूचना दी और किसी भी तरह की अप्रिय घटना होने की संभावना जताई. लेकिन थाना प्रभारी संतोष झा ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया. इधर, फसल लगाने का विरोध करने पर अपराधियों चमक लाल यादव पर एक के बाद एक दनादन कई गोलियां चला दीं. ताबड़तोड़ चलाई गई गोलियों में से एक गोली उसके पांव में जा लगी, जिसके बाद वह जान बचाने के लिए वहां से भागने लगा. हालांकि, थोड़ी दूर भागने के बाद वो लड़खड़ा कर गिर गया. तब उन्हें एहसास हुआ कि गोली उनके पांव में लगी है.


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स्थानीय लोगों ने उन्हें आनन-फानन उठाकर पहले प्राथमिक उपचार कराया, उसके बाद सीधे थाना ले गए. वहां भी थाना प्रभारी ने तकरीबन डेढ़ घंटे तक उन्हें घुमाया. गोली लगी अवस्था में चमक लाल यादव अपने परिजनों के साथ थाने का चक्कर काटते रहे. थाना प्रभारी ने काफी मशक्कत के बाद आवेदन को स्वीकार किया. आरोप है कि जब थाना प्रभारी अपने दल बल के साथ गांव पहुंचे तो आसपास के लोगों ने बताया कि घटना के सभी आरोपी एक घर में बंद हैं. अगर तलाशी ली जाए तो हथियार के साथ सभी पकड़े जाएंगे. लेकिन पुलिस ने महिला पुलिस नहीं होने का हवाला देते हुए कोई भी कार्रवाई नहीं की और वहां से लौट गई.


पहले भी लापरवाही आई है सामने


इधर, बेहतर इलाज के लिए चमक लाल यादव को राजकीय मेडिकल कॉलेज पूर्णिया लाया गया, जहां डॉक्टरों द्वारा उनका इलाज किया जा रहा है. बताया गया कि एक्सरे के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि गोली पांव के अंदर फंसी है या बाहर निकल गई. गौरतलब है कि बीते दिनों पूर्णिया के बहुचर्चित रिंटू सिंह हत्याकांड में भी पुलिस ऐसे ही लापरवाह दिखी थी, जिसका खामियाजा रिंटू सिंह को जान देकर चुकाना पड़ा था.



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