नवादा में कड़ाके की ठंड से बचने के लिए बंद कमरे में अंगीठी जलाना एक परिवार के लिए काल बन गया. जिले में शनिवार (27 दिसंबर) रात हुई इस दर्दनाक घटना ने पूरे गांव को सदमे में डाल दिया है. एक ही कमरे में सो रहे पांच लोगों में से दो की रविवार को मौत हो गई, जबकि तीन महिलाएं बेहोश पड़ी थी.
मृतकों में 50 वर्षीय श्री यादव और उनके मात्र 1 वर्षीय नाती आशीष कुमार शामिल हैं. घायलों में श्री यादव की पत्नी सरो देवी, बेटी इंदु देवी और नतनी सपना कुमारी हैं. जिन्हें बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया गया है.
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के अनुसार, इंदु देवी का हाल ही में ऑपरेशन हुआ था, इसलिए वह अपनी ससुराल से मायके आई हुई थीं. ठंड अधिक होने के कारण पूरा परिवार श्री यादव, उनकी पत्नी, बेटी, नतनी और छोटा नाती एक ही कमरे में सो रहा था. रात में गर्मी के लिए कमरे में अंगीठी जलाकर रखी गई थी. कमरा पूरी तरह बंद होने से वेंटिलेशन नहीं था. जिससे कोयले से निकली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस कमरे में भर गई. ऑक्सीजन की कमी और जहरीली गैस के कारण सभी बेहोश हो गए।
एक ही परिवार के दो लोगों की मौत
सुबह जब परिवार के अन्य सदस्यों ने दरवाजा खटखटाया और कोई जवाब नहीं मिला, तो उन्होंने किसी तरह दरवाजा तोड़ा. अंदर का नजारा देखकर सभी के होश उड़ गए. पांचों लोग बेहोश पड़े थे. आनन-फानन में उन्हें निकालकर पावापुरी मेडिकल अस्पताल ले जाया गया. वहां इलाज के दौरान श्री यादव और उनके नाती आशीष कुमार ने दम तोड़ दिया. तीनों महिलाओं की हालत अभी भी नाजुक बताई जा रही है.
हादसे के बाद पूरे गांव में मचा कोहराम
परिजन नीतीश कुमार ने बताया कि रात में सभी खुशी-खुशी सोए थे, लेकिन सुबह यह दुखद हादसा सामने आया. गांव में कोहराम मच गया, लोग इकट्ठा होकर रोने-बिलखने लगे. पूरे परिवार में मातम पसरा है. पुलिस ने दोनों शवों का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है. घटना की जांच चल रही है.
विशेषज्ञ बार-बार चेतावनी देते हैं कि बंद कमरे में अंगीठी जलाना जानलेवा हो सकता है. कार्बन मोनोऑक्साइड गैस रंगहीन और गंधहीन होती है, जो चुपके से मौत लाती है. लोगों से अपील है कि ठंड से बचने के लिए वेंटिलेशन जरूर रखें या सुरक्षित विकल्प अपनाएं. इस हादसे ने एक बार फिर सबक दिया है.
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