Bihar News: बिहार महिला कांग्रेस कमेटी ने शनिवार को राज्य की राजधानी पटना में विरोध मार्च निकाला और लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत महिला आरक्षण को तत्काल लागू करने की मांग की. इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व बिहार महिला कांग्रेस अध्यक्ष सरवत जहां फातमा ने किया. विरोध मार्च बेली रोड से शुरू हुआ, जिसमें कांग्रेस की महिला कार्यकर्ताओं ने नारे लगाए.
ये महिलाएं केंद्र की NDA सरकार के खिलाफ नारे वाली तख्तियां लिए हुई थीं जिन पर महिला आरक्षण अधिनियम के संसद में पारित होने के बावजूद इसके कार्यान्वयन में कथित रूप से देरी करने का आरोप लगाया गया था.
फातमा ने मीडिया से बातचीत के दौरान आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार महिला विरोधी है. वह लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत महिला आरक्षण को लागू नहीं कर रही है.
‘महिलाओं की सुरक्षा की कोई चिंता नहीं’कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि जहां तक बिहार में एनडीए सरकार का सवाल है, तो उसे राज्य में महिलाओं की सुरक्षा की कोई चिंता नहीं है. हम इस संबंध में बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मिलकर उनसे हस्तक्षेप की मांग करना चाहते हैं. हालांकि, प्रदर्शनकारियों को बीच रास्ते में ही रोक दिया गया और उन्हें राजभवन की ओर बढ़ने नहीं दिया गया.
‘आधी आबादी को पूरा हक मिलना चाहिए’वहीं बिहार कांग्रेस की पूर्व सचिव रीता सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि महिलाएं, जो देश की आधी आबादी है उन्हें पूरा हक मिलना चाहिए. सिर्फ वादे से काम नहीं चलेगा. सरकार को 33 प्रतिशत आरक्षण लागू करना चाहिए. केंद्र और बिहार में एनडीए की सरकार है फिर इसे लागू करने में देरी क्यों हो रही है. उन्होंने बिहार में महिलाओं की खराब स्थिति का जिक्र करते हुए हाल ही के अपराधों का उदाहरण दिया.
रीता सिंह ने कहा कि कहीं महिलाओं के मारकर उनके पैर में कील ठोक दी गई. इतने शर्मनाक मामले हो रहे हैं फिर भी सरकार कहती है कि महिलाएं सुरक्षित है.