पटना: बिहार में कोरोना से उत्पन्न स्थिति के बीच विपक्ष लगातार ये आरोप लगाता रहा है कि बिहार को केंद्रीय स्तर से अपेक्षाकृत सहयोग नहीं मिल रहा. बार-बार नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव कहते रहे हैं कि केंद्र बिहार के साथ सौतेला व्यवहार कर रही और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और यहां के सांसद जो केंद्रीय मंत्री भी हैं, वो ऐसा होने दे रहे हैं. लेकिन अब विपक्ष के साथ ही सत्ता पक्ष के नेताओं ने भी केंद्र पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है.

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मांझी ने ट्वीट कर कही ये बात 

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने मंगलवार की शाम एक ऐसा ट्वीट किया, जिसने सूबे के सियासी पारा और चढ़ा दिया है. उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा, " कई योजनाओं में केन्द्र के हिस्से का पैसा बिहार को नहीं मिल रहा, जिससे सूबे का विकास प्रभावित हो रहा है. मैं धन्यवाद देता हूं नीतीश कुमार को कि बिना केन्द्रीय मदद के आपने आपदा की इस घड़ी में शिक्षकों का वेतन दिया. साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के लिए डॉक्टरों की नियुक्ति कर रहें हैं."

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इससे पहले तेजस्वी ने ट्वीट कर था, " बिहार से एनडीए के 40 में से 39 लोकसभा सांसद, 9 राज्यसभा सांसद, 5 केंद्रीय मंत्री हैं. 16 वर्षों से एनडीए के सीएम नीतीश कुमार और दो-दो उपमुख्यमंत्री हैं, फिर भी बिहार वैक्सीन, ऑक्सीजन और बेड की उपलब्धता में सबसे नीचे है. इतनी बेशर्म, विफल, नाकारा और निकम्मी सरकार पृथ्वी ग्रह पर कहीं और नहीं मिलेगी."

वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए तेजस्वी यादव ने पूछा था, " क्या आपने नीतीश जी को किसी बैठक में मजबूती से बिहार का हक-हिस्सा मांगते देखा और सुना है. बाकी प्रदेशों के सीएम तार्किक, तथ्यात्मक और आक्रामक रूप से अपने प्रदेश की समस्याओं, संसाधनों की कमी, केंद्र द्वारा असहयोग इत्यादि को खुल कर व्यक्त करते हैं. लेकिन ये डरे सहमे और दुबके से रहते हैं."

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