पटना: बिहार के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि तेजस्वी यादव कोरोना काल में भी सियासत करने से बाज नहीं आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी को कुछ दिखाई नहीं पड़ता, बंद कमरे ट्वीट-ट्वीट खेलते हैं. कोरोना संकट के बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के लगातार विरोधाभाषी बयान पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने निशाना साधा. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग कोरोना से निपटने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद है.


मंगल पांडे ने कहा, "जांच में तेजी लाने के साथ-साथ मरीजों को बेहतर उपचार देने के लिए संसाधनों के अलावा आइसोलेशन सेंटरों में बढ़ोतरी की जा रही है. बावजूद इसके नेता प्रतिपक्ष हर दिन ट्वीट और बयानबाजी कर सरकार के काम पर सवाल उठा रहे हैं. ट्वीट करने के लिए वे शब्दकोष से शब्द खोज-खोज सरकार पर न सिर्फ झूठा आरोप मढ़ रहे हैं, बल्कि कोरोना काल में भी सियासत करने से बाज नहीं आ रहे हैं."


स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पिछले दस दिनों में सूबे में कोरोना ने तेजी से पांव पसारे हैं. सरकार का लक्ष्य है कि ज्यादा से ज्यादा कोरोना संदिग्धों की जांच कर संक्रमितों की पहचान की जाए. इसके लिए जांच केंद्रों की संख्या बढ़ाने से लेकर रैपिड एंटीजन टेस्ट किट से सैंपल लिए जा रहे हैं, ताकि आधे घंटे में संक्रमण का पता चल सके. इस दिशा में केंद्र सरकार के साथ मिलकर राज्य सरकार हर बिंदू पर काम कर रही है.


मंगल पांडे ने तेजस्वी पर ट्वीट ट्वीट खेलने का आरोप लगाते हुए कहा, "नेता प्रतिपक्ष को कुछ दिखाई तो पड़ता नहीं है. वे सिर्फ कमरे में बंद होकर ट्वीट-ट्वीट खेलते हैं और जब इच्छा होती है, तो चर्चा में बने रहने के लिए तथ्य से परे बयान देकर जनता को बरगलाते हैं. सकारात्मक विपक्ष की भूमिका नहीं निभा, नेता प्रतिपक्ष संकट के कठिन दौर में भी अपनी राजनीति चमका रहे हैं, लेकिन सूबे की जनता उनकी हवाबाजी को हवा में ही उड़ाने का काम कर रही है."


मंगल पांडेय ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष कहते हैं कि विधानसभा चुनाव के लिए समय अनुकुल नहीं है, लेकिन चुनाव को लेकर जितने चिंतित वे हैं, शायद ही कोई पार्टी होगी. उन्हें डर है कि आगामी चुनाव में उनका 2010 से भी बुरा हाला होने वाला है. इसलिए चुनाव का विरोध कर अपना वोट बैंक बनाने में जुटे हैं. उन्हें मालूम होना चाहिए कि सूबे का मुखिया अदृश्य नहीं, वे खुद पूरे परिदृश्य से बाहर हैं. घोर विपदा के समय भी वे अपने दायित्वों से भाग रहे हैं. खुद संक्रमण के डर से घर में बंद हैं और दूसरों को नैतिकता का पाठ पढ़ा रहे हैं. उनके लिए तो ट्वीट और बयानबाजी ही सब कुछ है.


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