पटना: बिहार सरकार ने सूबे के प्राथमिक स्कूलों में मिल रही शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए नई पहल की है. बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिल पाए इस बाबत बिहार सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने तीन स्वयंसेवी संस्थान के साथ एक समझौता किया है. इस समझौते तहत आद्री स्थित सेंटर फॉर हेल्थ पॉलिसी, बेंगलुरू स्थित स्वयंसेवी संस्थान मंत्र फॉर चेंज और नई दिल्ली स्थित सेंट्रल स्क्वायर फाउंडेशन बिहार में मिल रही प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने का काम करेगी.


तीनों स्वयंसेवी संस्थान करेंगी ये काम


समझौता पत्र के मुताबिक सीएचबीआर थ्री द्वारा मुख्य रूप से शिक्षा विभाग के माध्यम से वित्त पोषित या स्वास्थ्य और जेंडर संबंधी कार्यों पर काम किया जाएगा. वहीं, मंत्रा फॉर चेंज संस्था मुख्य रूप से शिक्षा विभाग के माध्यम से जिला शिक्षक परीक्षण संस्थान यानी कि आईआईटी में कार्यरत शिक्षकों के क्षमता संवर्धन के लिए योजना तैयार करेगी. साथ ही शिक्षक परीक्षण के मॉड्यूल में सहयोग और नई शिक्षा नीति 2020 में डेट की भूमिका में सहयोग करने का काम करेगी.


वहीं, इस स्वयंसेवी संस्थान द्वारा शिक्षा विभाग के माध्यम से प्रारंभिक कक्षाओं के बच्चों को मूलभूत भाषा की ज्ञान देने के साथ ही आधुनिक गणित की विधाओं से प्रश्न का उत्तर देने की क्षमता को विकसित करने के काम किया जाएगा. ताकि बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सके.


शिक्षा मंत्री ने कही ये बात


बता दें कि बुधवार को शिक्षा मंत्री ने इस एमओयू को साइन करते हुए कहा कि बिहार सरकार एक बड़ी राशि खर्च करने बाद भी बच्चों को अच्छी शिक्षा देने में असमर्थ रही है. बीच में स्थिति सुधरी थी, लेकिन बीते वक्त में शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट आई है. ऐसे में इस तीनों समझौते के बाद बिहार के सरकारी विद्यालयों में बेहरीन शिक्षा देने का काम फिर से शुरू हो जाएगा.


यह भी पढ़ें -

पप्पू यादव ने कंगना पर साधा निशाना, पूछा- कहीं सरकार से याराना पंचोली या ऋतिक जैसा तो नहीं?


सुशील मोदी का अजीबोगरीब बयान- 'महंगे सूट-बूट वाले किसान कर रहे आंदोलन, कोई गरीब नहीं'