पटना: बिहार में नई सरकार के गठन के बाद पहला विधानसभा का शीतकालीन विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के साथ हंगामों के बीच खत्म हो चुका है. इन सबके बीच अब खबरें आ रही हैं कि जल्द ही कैबिनेट का विस्तार हो सकता है.सूत्रों की माने तो इसके लिए जल्द ही एनडीए की बैठक बुलाकर मुख्यमंत्री मंत्रिमंडल विस्तार के लिए नामों पर मंथन करेंगे .पहले कैबिनेट का विस्तार आज यानी 29 नवंबर को ही होना था, लेकिन यह अब टल कर दिसंबर के पहले सप्ताह तक होनें की उम्मीद है. वहीं कैबिनेट के विस्तार में सामाजिक समीकरण का ख्याल रखा जाएगा.कयास लगाए जा रहे हैं कि इस विस्तारीकरण में जदयू के कम से कम आठ और मंत्री बनाए जाने की बात सामने आ रही है. संविधानिक प्रावधानों के अनुसार राज्य में कुल 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं, जिनमें फिलहाल मुख्यमंत्री के अलावा 13 मंत्री हैं और मुख्यमंत्री को छोड़कर जदयू के सिर्फ चार मंत्री हैं .22 और मंत्री की नियुक्ति अभी बाकी है. कैबिनेट के इस विस्तार में भाजपा के कम से कम दस नए चेहरों को मौका मिल सकता है. जिनमें युवा और अति पिछड़े व दलित वर्ग से आने वाले विधायकों को भी मंत्री पद की जिम्मेवारी मिल सकती है.सूत्रों की माने तो शीतकालीन सत्र में विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में विपक्ष के हंगामें को देखते हुए सरकार अब सभी किसी भी मोर्चे पर रिस्क नहीं लेना चाहती और इसलिए मंत्रिमंडल के विस्तार से पहले सरकार अपने आप को पूरी तरह से मजबूत कर मंत्रिमंडल का विस्तार करने के एजेंडे पर काम कर रही है.



मंत्रियों पर विभागों का बोझ



16 नवंबर को बिहार में नई सरकार के गठन के साथ हीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुआई में एनडीए के घटक दलों के नेताओं के साथ शपथ ली थी. उस दौरान सांकेतिक तौर पर कुछ विधायकों ने ही मंत्री के तौर पर शपथ ली थी और एक-एक मंत्री को पांच-पांच विभागों की जिम्मेदारी दी गई .जिनमें डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद के पास छह विभाग है, डिप्टी सीएम रेणू देवी के जिम्मे तीन विभाग की जिम्मेदारी है तो मंत्री विजय कुमार चौधरी और अशोक चौधरी के पास पांच विभाग की जिम्मेदारी है वहीं मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव को चार विभाग की जिम्मेदारी दी गई है. मंगल पांडेय, अमरेंद्र प्रताप और जीवेश कुमार को तीन-तीन विभाग का भार है तो रामसूरत राय और संतोष कुमार सुमन दो-दो विभागों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. शीला कुमारी, मुकेश सहनी और रामप्रीत पासवान पर एक एक विभाग की जिम्मेदारी है.



जदयू से अधिक भाजपा के पास विभाग




एनडीए को मिले जनादेश में कद के हिसाब से भाजपा बड़े भाई की भूमिका में है और इस लिहाज से भाजपा को जदयू से अधिक विभाग की जिम्मेदारी मिली हैं. एनडीए के पिछली सरकार में जदयू और भाजपा के कोटे के मंत्रीमंडल की बात करें तो जदयू के कोटे में मुख्यमंत्री को मिलाकर 22 विधायक मंत्री थे तो भाजपा में उपमुख्यमंत्री समेत सिर्फ 13 विधायक ही मंत्री थे.इस जब नई सरकार का विस्तार हुआ तो 12 और विधायक मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. इस लिहाज से भाजपा के 19 मंत्री हो जाएंगे. चूंकि अभी जदयू कोटे से सिर्फ चार मंत्री बने हैं, तो ऐसे में 11 और जदयू विधायकों के शपथ लेने के कयास लगाए जा रहे हैं. बिहार सरकार में कुल 44 विभाग हैं, लेकिन मंत्रीमंडल विस्तार में मंत्रियों के लिए सिर्फ 36 पद ही स्वीकृत किए गए हैं ऐसे में जो विभाग बचते हैं वो मुख्यमंत्री के जिम्मे होते हैं.