पटना: बिहार में भारी बारिश और बाढ़ ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुशासन के दावे की पोल खोल कर रख दी है. बिहार के गोपालगंज के सत्तरघाट इलाके में जिस पुल का उद्धाघन खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महज 29 दिन पहले किया वो बाढ़ के पानी में बह गया. मुख्यमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया था. यह पुल आठ साल से बन रहा था और इसे बनाने में 265 करोड़ रुपये की लागत आयी है.
पुल बहने की घटना के बाद विपक्ष नीतीश कुमार सराकर पर टूट पड़ा है. आजेडी और कांग्रेस जमकर नीतीश सरकार पर हमला बोल रहे हैं. वहीं सत्ताधारी जेडीयू का कहना है कि पानी का बहाव इतना ज्यादा था कि पुल बह गया. पुल को बनाने के दौरान गुणवत्ता में कोई कमी नहीं की गई. बता दें कि नीतीश कुमार ने जो हिस्सा पानी में बहा है वो पुल से जोड़ता है जिसका उद्घाटन नीतीश कुमार ने कहा था. अप्रोच रोड बह जाने से गांव वाले अब पुल तक पहुंचने में असमर्थ हो गए हैं.
विपक्ष ने नीतीश सरकार को घेरा, तेजस्वी बोले- खबरदार इसे भ्रष्टाचार ना कहना आरजेडी मुखिया और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने पुल बहने की घटना को लेकर तंज कसते हुए हमला बोला है. तेजस्वी यादव ने ट्विटर पर लिखा, ''8 वर्ष में 263.47 करोड़ की लागत से निर्मित गोपालगंज के सत्तर घाट पुल का 16 जून को नीतीश जी ने उद्घाटन किया था आज 29 दिन बाद यह पुल ध्वस्त हो गया. ख़बरदार!अगर किसी ने इसे नीतीश जी का भ्रष्टाचार कहा तो? 263 करोड़ तो सुशासनी मुँह दिखाई है. इतने की तो इनके चूहे शराब पी जाते है.'' एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए भी तेजस्वी ने नीतीश कुमार से संबंधित अधिकारियों और मंत्रियों को बर्खास्त करने की मांग की. इसके साथ ही उन्होंने पुल की लागत वसूलने की भी बात कही.
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने भी नीतीश सरकार को घेरा. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ''इंजीनियरिंग का नमूना: बिहार के गोपालगंज में करोड़ की लागत से बना पुल उद्घाटन के 29 दिन बाद ढह गया.'' वहीं बिहार कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा, ''गोपालगंज में पुल का अप्रोच रोड टूटना बता रहा है कि बिहार में लूट खसोट चल रहा है. अधिकारियों पर किसी का नियंत्रण नहीं है.''
सरकार की सफाई- पुल बनाने में नहीं हुआ कोई भ्रष्टाचार विपक्ष की ओर हो रहे हमलों को लेकर अब राज्य की सत्ता धारी पार्टियां जेडीयू और बीजेपी बचाव मोड में आ गयी हैं. बिहार के PWD नंद किशोर ने कहा कि ये प्राकृतिक आपदा है और इसमें राजनीति करना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा, ''यह प्राकृतिक आपदा है. प्राकृतिक आपदा में इंसान के हाथ कुछ नहीं होता. पानी का बहाव जब तेज होता है तो निर्माण को बहा ले जाता है. लेकिन इस तेज बहाव के बावजूद हमारे किसी निर्माण को नुकसान नहीं पहुंचा है. सिर्फ अप्रोच रोड को नुकसान हुआ है. जैसे ही पानी का बहाव कम होगा इसे ठीक कर लिया जाएगा.'' बता दें कि नंद किशोर यादव बीजेपी कोटे से मंत्री हैं.
वहीं जेडीयू प्रवक्ता ने उल्टा आरजेडी पर ही हमला बोल दिया. जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजनने कहा, ''भ्रष्टाचार राजद की संस्कृति, संस्थान उनकी विरासत और उनकी पहचान है. तेजस्वी यादव को भ्रष्टाचार की बात करने का कोई नेतिक अधिकार नहीं है. गोपालगंज पुल को लेकर जो मिट्टी के कटाव या ज्यादा जल बहाव को लेकर जो सवाल उठ रहे हैं. अगर निर्माण के दौरान कोई कमी रही है तो निश्चित तौर पर यह सारी चीजें सामने आएंगी.''