पटना: सूबे में जारी सियासी घमासान के बीच शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी ने पद भार ग्रहण करने के चंद घंटों के बाद ही इस्तीफा दे दिया है. लेकिन उनके इस्तीफा देने के बाद अब नया विवाद शुरू हो गया है. शिक्षा मंत्री के इस्तीफे के बाद सत्ता पक्ष के नेता विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.


बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने ट्वीट कर तेजस्वी यादव से इस्तीफे की मांग की है. सुशील मोदी ने ट्वीट कर लिखा, " तेजस्वी यादव को भी इस्तीफा देना चाहिये क्योंकि वो भ्रष्टाचार से जुड़े IRCTC घोटाले में न केवल चार्जशीटेड बल्कि जमानत पर हैं. कोविड के कारण ट्रायल रुका हुआ था. किसी भी दिन ट्रायल शुरू हो सकता है.






इधर, जेडीयू प्रवक्ता अजय आलोक ने तेजस्वी को चुनौती दी है कि अगर उनमें हिम्मत है तो वो जिस तरह से इस्तीफे की मांग कर रहे थे, उसी तरह से नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा देकर दिखाएं. अजय आलोक ने कहा, " हमारे शिक्षा मंत्री ने तो राजनीतिक सुचिता और नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे दिया. लेकिन क्या सवाल उठाने वाले युवराज जी आप इस्तीफा दे पाएंगे? हिम्मत है तो इस्तीफा देकर दिखाएं."


गौरतलब है कि शिक्षा मंत्री के इस्तीफा देने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर हमला बोला है. तेजस्वी ने ट्वीट कर लिखा है कि सिर्फ एक इस्तीफे से बात नहीं बनेगी.


तेजस्वी यादव ने लिखा, ''माननीय मुख्यमंत्री जी, जनादेश के माध्यम से बिहार ने हमें एक आदेश दिया है कि आपकी भ्रष्ट नीति, नीयत और नियम के खिलाफ आपको आगाह करते रहें. महज एक इस्तीफे से बात नहीं बनेगी. अभी तो 19 लाख नौकरी, संविदा और समान काम-समान वेतन जैसे अनेकों जन सरोकार के मुद्दों पर मिलेंगे. जय बिहार, जय हिन्द.''


एक दूसरे ट्वीट में तेजस्वी ने लिखा, ''मैंने कहा था ना आप थक चुके हैं, इसलिए आपकी सोचने-समझने की शक्ति क्षीण हो चुकी है. जानबूझकर भ्रष्टाचारी को मंत्री बनाया. थू-थू के बावजूद पदभार ग्रहण कराया. घंटे बाद इस्तीफ़े का नाटक रचाया. असली गुनाहगार आप हैं. आपने मंत्री क्यों बनाया??आपका दोहरापन और नौटंकी अब चलने नहीं दी जाएगी?''


दरसअल, तारापुर विधायक मेवालाल चौधरी जिन्हें शिक्षा विभाग की जिममेदारी सौंपी गई थी, वो कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में नियुक्ति घोटाले में आरोपित हैं. उन्हें कैबिनेट में जगह देकर नीतीश कुमार फंस गए थे. एक दागी नेता को मंत्री बनाए जाने पर विपक्ष लगातार सीएम नीतीश के जीरो टॉलरेंस पर सवाल खड़े कर रही थी. वहीं, नियुक्ति घोटाला मामले में आरोपित मेवलाल को बर्खास्त करने की मांग कर रहे थे. ऐसे में उन्होंने आज खुद ही इस्तीफा दे दिया.