पटना: बेरोजगारी मौजूदा समय में ऐसा मुद्दा है, जिससे अमूमन देश का हर तीसरा युवा परेशान है. नौकरी नहीं मिल पाने की वजह से युवा वर्ग जहां आर्थिक रूप से सशक्त नहीं है. वहीं, कई ऐसे हैं जो खुद को समाज में उपेक्षित महसूस करते हैं. देश के युवा सरकारी नौकरी पाने के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं. लेकिन समय पर परीक्षा हो नहीं पाते हैं. परीक्षा हो भी जाए तो रिजल्ट होल्ड कर दिया जाता है.


कम वेतन पर काम करने को मजबूर


चंद महीनों की प्रक्रिया को खींच का सालों लंबा कर दिया जाता है. इस बीच युवा परेशान घर में बैठने या कम वेतन पर काम करने को मजबूर रहते हैं. युवाओं की इसी परेशानी पर बिहार के भागलपुर जिले के रहने वाले मशहूर कलाकार आदर्श आनंद (Adarsh Anand) ने एक गाना बनाया है. फ़िल्म 'ओम शांति ओम' के टाइटल ट्रैक की तर्ज पर बनाया गया ये गाना है तो बड़ा मजेदार लेकिन गाने का जो मैसेज है वो बहुत महत्वपुर्ण और गंभीर है. 


युवाओं से की अपील


आदर्श गाने के जरिए युवाओं से जाति-धर्म के चश्मे को अपने आंखों पर से हटा कर असल मुद्दों पर गौर करने की अपील कर रहे हैं. उनकी अपील है कि युवा वर्ग जो बेरोजगार हैं, वो जातिवाद के मसलों में ना पड़ के विकास व रोजगार जैसे मुद्दों पर ध्यान दें. बात करें. वहीं, गाने के जरिए उन्होंने 'सिस्टम' को भी आईना दिखाया है. उन्होंने परीक्षा प्रणाली में व्याप्त गड़बड़ियों को उठाते हुए सरकार को घेरने की कोशिश की है. 


परीक्षा लेने में देरी, परीक्षा लेने के बाद रिजल्ट जारी करने में विलंब व रिजल्ट के बाद पदस्थापन प्रक्रिया में देरी जैसे मुद्दे को उन्होंने गाने के जरिए उठाया है और सरकार से अपील की है कि वे इन सब कमियों को दूर कर सिस्टम में सुधार करें. ताकि युवा वर्ग की परेशानी दूर हो सके. मालूम हो कि आदर्श आनंद फेमस टिकटोक स्टार थे. लेकिन भारत में टिकटोक बैन हो जाने के बाद उन्होंने यूट्यूब व अन्य एप्स पर वीडियो बनाकर लोगों के मनोरंजन शुरू कर दिया है.




यह भी पढ़ें -


In Pic: आईजीआईएमएस में तड़पने के बाद मोना राय की हुई थी मौत, जांच के लिए CCTV और कॉल डिटेल सहारा


आतंकी घटना में बिहारियों की हत्या से गुस्से में जीतन राम मांझी, कहा- बिहार को दें जिम्मेदारी, 15 दिन में सुधार देंगे