पटनाः मधेपुरा जिले के कुमारखंड थाना में दर्ज एक मामले को लेकर वहां की पुलिस पटना पहुंचकर मंगलवार को जाप सुप्रीमो पप्पू यादव को अपने साथ ले गई. मधेपुरा जाने से पहले पप्पू यादव ने पटना में कहा कि उन्हें कहीं भी डिटेन कर लिया जाए लेकिन कम से कम कोरोना के समय में जेल नहीं भेजा जाए.


पप्पू यादव ने कहा कि आज वह कोरोना टेस्ट में निगेटिव पाए गए हैं लेकिन अब कहीं पॉजिटिव ना आ जाएं. उन्होंने कहा “पूरी दुनिया पप्पू यादव के साथ खड़ी है. उन्होंने लालू यादव से आग्रह करते हुए कहा कि ये वक्त एक होकर लड़ने का है. आज अगर पप्पू यादव जेल जा रहा है तो तेजस्वी यादव सड़क पर रहें.”


सीएम नीतीश कुमार की डेढ़ महीना की मदद


“तेजस्वी खाना खिलाएं. तेजस्वी यादव वार्ड में जाएं और वो जाकर इलाज कराएं. रेमडेसिविर और ऑक्सीजन की व्यवस्था करें. अगर वह सड़क पर होंगे तो हमारी पार्टी के जितने भी लोग हैं. अध्यक्ष और नेता हैं वह जमीन बेचकर लोगों को खाना खिलाएंगे. उन्होंने कहा कि पप्पू यादव ने नीतीश कुमार की डेढ़ महीना मदद की है. हम एक-एक अस्पताल में कंधे पर ऑक्सीजिन सिलेंडर लेकर पहुंचाए हैं. नीतीश कुमार जी बचा लीजिए बिहार.”  


इधर पप्पू यादव ने एक ट्वीट कर लिखा “मुझे मधेपुरा के 32 साल पुराने मुकदमे में जेल भेजा जा रहा है. पूरे दिन लॉकडाउन के उल्लंघन के आरोप में बैठाकर रखा. फिर ढूंढकर मामला निकाला गया. बीजेपी के दबाव में सीएम नीतीश कुमार इतने कमजोर पड़ जाएंगे यह अंदाजा नहीं था.  आग्रह है कि कोविड मरीजों के उपचार में कोई कमी न रहने दें.”






अपहरण के मामले में 22 मार्च को जारी किया गया था वारंट


बता दें कि पप्पू यादव पर साल 1989 में बिहार के मधेपुरा जिले के कुमारखंड थाने में अपहरण मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. इस मामले में 22 मार्च को कोर्ट ने उनके खिलाफ वारंट जारी किया था. लेकिन वो कोर्ट में उपस्थित नहीं हो पाए थे. ऐसे में कोर्ट की अवमानना के आधार पर मधेपुरा पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने आई. 22 मार्च 2021 को मधेपुरा कोर्ट ने पप्पू यादव की संपत्ति की कुर्की का आदेश दिया था.


यह भी पढ़ें- 


बिहारः मधेपुरा की पुलिस पप्पू यादव को हिरासत में लेने के लिए पहुंची पटना, जानिए क्या है पूरा मामला


पटनाः पप्पू यादव की पत्नी का CM नीतीश कुमार पर हमला, कहा- महामारी से लड़ें और मानवता को बचाएं