हाजीपुर: बिहार के हाजीपुर में मंगलवार को सिविल कोर्ट ने तीन महीने पहले पुलिस की ओर से दफनाए गए शव को निकालकर पोस्टमार्टम कराने का निर्देश दिया. यह मामला वैशाली जिले के महुआ थाना क्षेत्र के मुकुंदपुर गांव का है. तीन महीने पहले यहां झाड़ी से एक शव बरामद हुआ था जिसे रात में ही पुलिस वालों ने खुद ही दफना दिया था. परिवार वाले अंतिम संस्कार तक नहीं कर पाए.


दरअसल, महुआ थाना क्षेत्र के मुकुंदपुर गांव का रहने वाले 44 वर्षीय जितेंद्र राय बीते छह अप्रैल को गायब हो गया था. 13 अप्रैल को गांव में ही झाड़ी से उसकी लाश मिली. हालांकि इसके पहले ही 18 मार्च को परिजनों ने थाने में इसकी शिकायत की थी कि जितेंद्र राय को जान से मारने की धमकी दी गई है, लेकिन पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई और उसकी हत्या हो गई.


परिजनों ने पुलिस पर लगाया लापरवाही का आरोप


मृतक जितेंद्र राय के बेटे राहुल ने कहा कि भूमि विवाद को लेकर दबंगों ने धमकी दी थी कि एक महीने के अंदर तुम्हारे पिता को उठा लूंगा और उसे जान से मार दूंगा. राहुल ने भी पुलिस वालों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है.


बताया जाता है कि लाश मिलने की खबर पर परिजन झाड़ी के पास पहुंचे और शव की पहचान की. इसके बाद जब इसकी सूचना पुलिस को मिली तो मामले की जांच करने के लिए पहुंची. यहां पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराए बिना ही उसे दफना दिया जिसका लोगों ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया. वहीं, परिवार वालों ने कहा कि पुलिस ने यह कहकर शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया कि लाश से बदबू आ रही है और इसका पोस्टमार्टम नहीं हो सकता. इसके बाद रात के अंधेरे में पुलिस ने जेसीबी बुलाकर शव को गड्ढे में दफना दिया.


मामले में महुआ सीओ अमर कुमार सिन्हा ने बताया कि शव को निकाला जा रहा है. इस बारे में विशेष जानकारी थाना प्रभारी दे पाएंगे. मुझे अनुमंडल पदाधिकारी की ओर से खड़ा होकर लाश को निकलवाने के लिए निर्देश दिया गया है. बता दें कि तीन महीने के बाद शव के नाम पर सिर्फ कंकाल बच गया है.


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