पटना: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई करते हुए अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी. इस संबंध में बिहार के एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने एबीपी न्यूज से खास बातचीत में कहा, " सुप्रीम कोर्ट ने आज ऐतिहासिक निर्णय लिया है, न्याय की जीत हुई है. सुशांत के परिजनों को न्याय मिलने की उम्मीद आज धरातल पर आई है. मैंने पहले भी कहा था कि उस FIR को कोई भी लाइन बाई लाइन पढ़े तो स्पष्ट हो जाएगा कि पटना पुलिस को अधिकार था FIR दर्ज करने का और सुप्रीम कोर्ट ने भी यह स्पष्ट किया है कि पटना पुलिस द्वारा दर्ज किया गया FIR लीगल और कानून के दायरे में था."


उन्होंने कहा, " सुप्रीम कोर्ट ने पटना पुलिस के अनुसंधान को भी सही करार दिया है. उसके बाद यहां से जो सीनियर ऑफिसर को क्वारंटाइन किया उन सब को देखते हुए सुशांत के परिवार के लोगों ने राज्य सरकार को आवेदन किया कि इसमें पारदर्शी तरीके से जांच अगर कोई कर सकता है तो वो सीबीआई है क्योंकि मुंबई पुलिस बिहार पुलिस को स्पोर्ट नहीं कर रही है. इसपर राज्य सरकार ने भारत सरकार को अनुसंशा की, कि इस केस की जांच सीबीआई द्वारा हो. इसपर महाराष्ट्र सरकार ने कई आपत्ति जताई, उन्होंने इसके वैधता को चैलेंज किया. लेकिन बिहार सरकार और पटना पुलिस के हर कदम को सुप्रीम कोर्ट ने सही माना है."


ललित किशोर ने कहा, " सभी इस बात से अवगत हैं कि बिहार सरकार का नारा है न्याय के साथ विकास. तो बिहार सरकार कमिटेड है कि उसके हर नागरिक को न्याय मिले और उस न्याय के लिए जो लीगल प्रक्रिया है उसे सरकार अपनाएगी. लेकिन मुझे प्रसन्नता है कि सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्णय लिया कि बिहार सरकार ने जो सीबीआई जांच के लिए अनुसंशा की वो लीगल था."


उन्होंने कहा, " सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को आदेश दिया है कि वो सीबीआई के अनुसंधान में सहायता करें. सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया है कि मामले में ट्रांसपेरेंट जांच के लिए सीबीआई ही सक्षम एजेंसी है और सुशांत के संबंध में कोई भी केस कहीं भी रजिस्टर होता है तो उसकी जांच भी सीबीआई ही करेगी. इस आदेश के बाद मुझे नहीं लगता कि मुंबई पुलिस या सरकार किसी तरह का हस्तक्षेप करेगी."


उन्होंने कहा, " मुझे लगता है कि मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार पूर्ण सहयोग करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने अपने न्याय निर्णय में लिखा है कि रिया चक्रवर्ती भी सीबीआई जांच चाहती थी वो भी चाहती थी कि निष्पक्ष जांच हो तो महाराष्ट्र सरकार कहीं से भी इसमें कोई अड़ंगा लगाएगी वो इस न्याय निर्णय के खिलाफ होगा. सुप्रीम कोर्ट ने अपने न्याय निर्णय में ये बातें कहीं हैं. उससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने ये कहा है कि जो सीबीआई का जांच अभी चल रहा है  उसका आधार पटना में हुआ FIR ही है." बिहार के एडवोकेट जेनरल ने कहा कि अगर महाराष्ट्र पुलिस या सरकार सीबीआई जांच में अड़गा लगाएगी तो वह कोर्ट का अवमानना होगा.