भारतीय पुरुष हॉकी टीम के युवा मिडफील्डर हार्दिक सिंह ने कहा कि टीम का ध्यान अब अगले साल एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर पेरिस ओलंपिक के लिये सीधे क्वालीफाई करने पर लगा है. मनप्रीत सिंह की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने तोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर 41 साल से हॉकी में पदक जीतने के इंतजार को समाप्त किया था.

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एशियाई खेलों का आयोजन अगले वर्ष 10 से 25 सितंबर के बीच चीन के हांगजो, झेजियांग में किया जाएगा. भारतीय टीम की प्राथमिकता इस महाद्वीपीय टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीतकर पेरिस ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करना होगा. हार्दिक ने हॉकी इंडिया की प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘हम पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के अपने अभियान की शुरुआत करने के लिये बेताब हैं.

एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने का है लक्ष्य

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हमें कदम दर कदम आगे बढ़ना होगा और हमारा पहला कदम एशियाई खेल 2022 में स्वर्ण पदक जीतकर ओलंपिक खेल 2024 के लिये सीधे क्वालीफाई करना होगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके बाद 2023 में हमें एक और बड़ी प्रतियोगिता हॉकी विश्व कप में भाग लेना है जिसका आयोजन ओड़िशा में किया जाएगा. इसलिए आगे का समय चुनौतीपूर्ण और रोमांचक है और हम इसके लिये तैयार हैं.

’’ इस 22 वर्षीय मिडफील्डर ने अपने पहले ओलंपिक खेलों में ही दो महत्वपूर्ण गोल किये. तोक्यो ओलंपिक में सफलता के कारणों के बारे में हार्दिक ने कहा, ‘‘हमारी टीम में सभी खिलाड़ी एक दूसरे से बहुत अच्छी तरह से जुड़े थे और मुझे लगता है कि यह ओलंपिक में हमारी सबसे बड़ी ताकत थी. हमारे बीच आपस में मजबूत संबंध थे और हमें एक दूसरे के कौशल का सदुपयोग करने में महारत हासिल थी.

’’ उन्होंने कहा, ‘‘आस्ट्रेलिया के खिलाफ निराशाजनक परिणाम के बाद हम एक साथ बैठे और खुलकर आपस में बात की कि क्या गलत हुआ और हमें आगामी मैचों में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए क्या करने की आवश्यकता है. इससे वास्तव में हमें वापसी करने में मदद मिली और आखिर में हम देश के लिये पदक जीतने में सफल रहे.

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