Tokyo Olympic 2020: जापान की राजधानी टोक्यो में 23 जुलाई से ओलंपिक खेलों का आयोजन होने जा रहा है. इस बार ओलंपिक खेलों में सभी भारतीय फैंस की नज़रें स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु पर हैं. फैंस को उम्मीद है कि पीवी सिंधु अपने प्रदर्शन को और ज्यादा बेहतर करते हुए इस बार सिल्वर की बजाए गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब होंगी. 


हैदराबाद में पांच जुलाई 1995 को जन्मीं सिंधु से ही मेडल की उम्मीद सबसे ज्यादा है. सिंधु के लिए खेल और पदक जीतना कुछ नया नहीं है, क्योंकि उनके माता-पिता पूर्व वालीबॉल खिलाड़ी रहे हैं. उनके पिता पीवी रमन ने 1986 सोल एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता था.


सिंधु ने 17 साल की उम्र में इंटरनेशनल लेवल पर डेब्यू किया था. 26 साल की सिंधु 2013 से भारतीय राष्ट्रीय टीम का हिस्सा रही हैं. सिंधु ने जूनियर बैडमिंटन खिताब जैसे ऑल इंडिया रैंकिग चैंपियनशिप, सब जूनियर नेशनल्स के खिताब जीते हैं और उन्होंने सब जूनियर एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता था. उन्होंने 2014 राष्ट्रमंडल खेलों में महिला सिंगल्स में ब्रॉन्ज मेडल जीता था. 


सिंधु को मिल रहा है जोरदार समर्थन


हाल ही आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने सिंधु से मुलाकात कर उन्हें टोक्यो ओलंपिक के लिए अपनी शुभकामनाएं दी थीं और पांच लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी थी. प्रोत्साहन राशि के अलावा रेड्डी ने सिंधु को विशाखापत्तनम में एक बैडमिंटन अकादमी स्थापित करने के लिए दो एकड़ भूमि आवंटित करने के सरकारी आदेश के दस्तावेज भी सौंपे थे.


सिंधु ने कहा था, "मैं आंध्र और तेलंगाना सरकार को धन्यवाद देना चाहती हूं. जब भी मुझे किसी तरह की मदद और टूर्नामेंट के लिए छुट्टी की जरूरत पड़ी. मुझे यह प्रदान किया गया. ये एक खिलाड़ी की जरूरतों को समझते हैं तथा उनका समर्थन करते हैं."


रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीत चुकीं सिंधु ने भरोसा जताया है कि वह टोक्यो में भी पदक जीतेंगी.


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