IND vs SA 2nd ODI: रायपुर में खेले गए दूसरे वनडे में टीम इंडिया को साउथ अफ्रीका के हाथों करारी हार मिली. 359 रन का बड़ा लक्ष्य देने के बाद भी भारत मैच नहीं बचा सका. प्रोटियाज ने 4 गेंद बाकी रहते 6 विकेट पर 362 रन बनाकर मुकाबला अपने नाम किया. तीन मैचों की सीरीज अब 1-1 की बराबरी पर आ गई है. 6 दिसंबर को विशाखापत्तनम में होने वाला आखिरी वनडे अब सीरीज का असली ‘फाइनल’ बन गया है. मैच के बाद भारतीय कप्तान केएल राहुल का दर्द साफ झलकता दिखा. उन्होंने माना कि टीम कई अहम जगहों पर चूक गई, खासकर गेंदबाजी और फील्डिंग में.
ओस बनी सबसे बड़ा दुश्मन
राहुल ने साफ शब्दों में कहा कि दूसरी पारी में गेंदबाजी करना बेहद मुश्किल हो रहा था, क्योंकि लगातार ओस गिर रही थी. इससे गेंदबाजों को गेंद पकड़ने में दिक्कत आई और उनकी ग्रिप कमजोर पड़ी. राहुल ने कहा, "हार को पचा पाना बेहद मुश्किल है. इतनी ज्यादा ओस में गेंदबाजी करना बिल्कुल आसान नहीं था. अंपायर ने भी गेंद बदलने में साथ दिया. हमारे लिए टॉस जीतना भी बहुत जरूरी था और मैं टॉस हारने के लिए खुद को ही दोष दे रहा हूं."
उन्होंने बताया कि टीम ने 350 से ज्यादा का स्कोर खड़ा किया, जो बल्लेबाजों के प्रदर्शन को देखते हुए अच्छा था, लेकिन गेंदबाज उसी का फायदा नहीं उठा पाए.
फील्डिंग और निचले क्रम ने बिगाड़ा मैच
राहुल ने माना कि कुछ मौकों पर टीम फील्डिंग में बेहतर कर सकती थी. यशस्वी जायसवाल ने एडेन मार्करम का कैच छोड़ा, जो भारत को बहुत भारी पड़ा. क्योंकि मार्करम ने बाद में शानदार शतक जड़ दिया और मैच का रुख बदल दिया.
कप्तान ने यह भी माना कि उनके बल्लेबाजों ने आखिर में 20-25 रन और बनाने की कोशिश की, लेकिन निचले क्रम से उम्मीद के मुताबिक योगदान नहीं मिला. उन्होंने कहा कि अगर निचला क्रम थोड़ा और रन जोड़ देता, तो मैच का नतीजा अलग हो सकता था.
कोहली और गायकवाड़ की तारीफ
हालांकि, राहुल ने विराट कोहली और ऋतुराज गायकवाड़ की खूब सराहना की. दोनों ने शानदार शतक लगाए और भारत को 358 के विशाल स्कोर तक पहुंचाया. राहुल ने कहा, "दोनो को ऐसे बल्लेबाजी करते देखना शानदार था. विराट हमेशा की तरह परफेक्ट था. ऋतुराज ने स्पिन को जिस तरह खेला, उसने हमें 20 रन और दिलाए."
सीरीज का फैसला विशाखापत्तनम में
अब भारत और साउथ अफ्रीका दोनों की नजरें अंतिम वनडे पर हैं. जो टीम यह मैच जीतेगी, वह सीरीज अपने नाम कर लेगी. टीम इंडिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती फील्डिंग और गेंदबाजी की रणनीति को सुधारने की होगी.