फुटबॉल मैदान के बाहर अर्जेंटीना और इंग्लैंड के बीच राजनीतिक कारणों से भी कटुता रही है. इंग्लैंड ने अपना एक मात्र वर्ल्ड कप खिताब 1966 में अर्जेंटीना को हराकर ही जीता है. 1980 के दशक में इंग्लैंड और अर्जेंटीना के बीच फॉकलैंड युद्ध के चलते दुश्मनी चरम पर थी. 1982 में हुए इस युद्ध के चार साल बाद ही मेक्सिको में हुए फुटबॉल वर्ल्ड कप में डिएगो माराडोना की कप्तानी में अर्जेंटीना ने इंग्लैंड से मिली हार बदला लिया था.


माराडोना ने 2000 में आई अपनी आत्मकथा ‘आई एम डिएगो’ में लिखा था, ‘वह मैच जीतने की कोशिश से बढ़कर कुछ था. हमने कहा था कि इस मैच का जंग से कोई सरोकार नहीं है लेकिन हमें पता था कि वहां अर्जेंटीनाइयों ने अपनी जानें गंवाई थी. यह हमारा बदला था. हम अपने देश के लिये खेल रहे थे और यह हमसे बड़ा कुछ था.’


माराडोना ने किया विवादित गोल


विश्व कप 1986 में इंग्लैंड के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में ‘हैंड ऑफ गॉड’ वाले गोल के कारण फुटबॉल की किवदंतियों में अपना नाम शुमार कराने वाले माराडोना दो दशक से लंबे अपने कैरियर में फुटबालप्रेमियों के नूरे नजर रहे. 22 जून 1986 को मेक्सिको के अजतेक स्टेडियम में एक लाख से ज्यादा दर्शकों के सामने इंग्लैंड और अर्जेंटीना के बीच क्वॉर्टर फाइनल शुरू हुआ. पहले हॉफ में दोनों टीमें गोल करने में नाकाम रही. मैच के 51वें मिनट में माराडोना विपक्षी टीम के गोलकीपर पीटर शिल्टन की तरफ उछले और उन्होंने अपने हाथ से गेंद को नेट में डाल दिया.


उस समय वीडियो असिस्टेंस टेक्नॉलजी नहीं थी और ट्यूनिशिया के रेफरी अली बेनासुएर इसे देख नहीं पाए और इसे 'गोल' करार दिया. मैच के माराडोना ने कहा कि मुझे लगा कि कहीं रेफरी यह गोल न दें, मैं अपने साथियों पर जोर चिल्ला कि मुझ से लिपटकर खुशियां मनाओ. हमने गोल कर दिया है. उन्होंने कहा, 'इस गोल में कुछ मेरा सिर था और कुछ भगवान का हाथ था.' इस गोल को 'हैंड ऑफ गॉड गोल' कहा जाता है.


 सिर्फ चार मिनट बाद मारी 'गोल ऑफ द सेंचुरी' 


पहला गोल दागने के सिर्फ चार मिनट माराडोना ने दर्शाया क्यों उन्हें सदी का महानतम खिलाड़ी कहा गया. छोटे कद के माराडोना ने इंग्लैड की टीम के पांच खिलाड़ियों और गोलकीपर शिल्टन को छकाते हुए गेंद को गोल पोस्ट में मार डाला. इस गोल को  लोगों ने 'गोल ऑफ सेंचुरी' चुना. तीसरा गोल इंग्लैंड ने दागा, लेकिन तब तक बहुत देर हो गई थी. अर्जेंटीना ने इस मैच में इंग्लैंड को 2-1 से हराकर युद्ध में मिली हार का बदला ले लिया.


इस फुटबॉलर से होती रही डिएगो माराडोना की तुलना, फीफा ने चुना था सदी का महानतम खिलाड़ी


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