Ravindra Jadeja Profile: रवींद्र जडेजा आज भारत के सबसे महानतम ऑल-राउंडर खिलाड़ियों में से एक हैं. एमएस धोनी ने उन्हें 'सर जडेजा' नाम दिया और क्रिकेट फैंस आज भी उन्हें इसी नाम से पुकारते हैं. जडेजा आज अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में तीनों फॉर्मेट में भारतीय टीम के लिए 6,000 से अधिक रन और 550 से भी अधिक विकेट ले चुके हैं. 2008 में अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप विजेता भारतीय टीम का हिस्सा रहने से लेकर महानतम ऑल-राउंडर खिलाड़ियों में से एक बनने का सफर जडेजा के लिए आसान नहीं रहा है. अब जडेजा टी20 वर्ल्ड कप 2024 में भारत के लिए खेलते हुए नजर आएंगे.


जामनगर में पैदा हुए


रवींद्र जडेजा का जन्म 6 दिसंबर, 1988 को गुजरात के जामनगर जिले में स्थित नवगाम घेड़ नामक शहर में हुआ था. जडेजा का परिवार एक छोटे से घर में रहता था. उनकी 2 बहन हैं और दोनों उनसे उम्र में बड़ी हैं. उनका नाम नैना और पद्मिनी जडेजा है. गरीबी ने लंबे समय से उनके घर में पैर पसारे हुए थे. बचपन में जडेजा को घर में हो रही दिक्कतों से दूर रखने के लिए उनकी मां उन्हें बाहर खेलने भेज दिया करती थीं. बचपन में अक्सर अन्य बच्चे जडेजा को खूब परेशान किया करते थे और उन्हें मैच में बैटिंग करने को नहीं मिलती थी. इसका एक कारण यह भी था कि जडेजा की जेब उन दिनों खाली हुआ करती थीं.


पिता करते थे वॉचमैन की नौकरी


रवींद्र जडेजा के पिता का नाम अनिरुद्ध सिंह जडेजा है, जिन्होंने अपने जीवन में खूब सारी नौकरियां पकड़ी हैं. जब परिवार गरीबी से जूझ रहा था, तब अनिरुद्ध एक वॉचमैन की नौकरी किया करते थे. वो चाहते थे कि उनका बेटा आर्मी में जाकर देश की सेवा करे, रवींद्र का मन क्रिकेट खेलने में लगता था. वो बचपन में अपने पिता से बहुत डरते थे. इसके अलावा उनकी मां एक सरकारी अस्पताल में नर्स की नौकरी किया करती थीं. जब जडेजा छोटे थे तब लोग एक वर्किंग वुमन होने के लिए उनकी मां और परिवार का मजाक उड़ाया करते थे.


महेंद्र सिंह चौहान के अंडर सीखा क्रिकेट


बचपन में जडेजा ने महेंद्र सिंह चौहान के अंडर क्रिकेट की ट्रेनिंग शुरू की थी. महेंद्र सिंह, रवींद्र जडेजा के पिता के एक दोस्त थे, जो पेशे से पुलिस में काम करते थे, लेकिन थोड़ा बहुत क्रिकेट भी खेल चुके थे. वो नवानगर क्रिकेट अकादमी चलाया करते थे, लेकिन इसमें सुविधाओं की कमी थी. महेंद्र के पास कोचिंग की कोई डिग्री नहीं थी, इसलिए उन्होंने कुछ ही लड़कों को अपने अंडर लिया हुआ था. चौहान एक एग्रीमेंट भी साइन करवाते थे कि वो बच्चों के माता-पिता से कोई पैसा नहीं लेंगे. लेकिन एग्रीमेंट में यह भी लिखा होता था कि वो किसी तरह की नौटंकी नहीं झेलते थे और अनुशासन को लेकर बहुत सख्त रहते थे.


जडेजा को थी नींद में चलने की बीमारी


बचपन में जडेजा को नींद में चलने की बीमारी थी और इसके बारे में सबसे पहले उनकी मां को पता चला था. महेंद्र सिंह चौहान बताते हैं कि एक बार उनके सामने भी जडेजा नींद में चल रहे थे. जब कई बार बुलाने पर भी जडेजा उनके पास नहीं आए तो महेंद्र ने अपने शिष्य को जोरदार थप्पड़ जड़ दिया था. महेंद्र ने बताया कि उस दिन के बाद रवींद्र जडेजा कभी नींद में चलते हुए नहीं दिखे हैं. उसी समय कोच ने जडेजा को लोकल टूर्नामेंट में खेलने का मौका दिलाने के लिए मुंबई ले गए थे.


16 साल की उम्र में भारत के लिए किया अंडर-19 डेब्यू


रवींद्र जडेजा जब 16 साल के थे, तब उन्होंने 2005 में भारत के लिए अंडर-19 क्रिकेट डेब्यू किया था. उसके कुछ समय बाद यानी 2006 में उन्होंने वेस्ट जोन के लिए खेलते हुए दिलीप ट्रॉफी में अपना डेब्यू किया. जडेजा धीरे-धीरे डोमेस्टिक क्रिकेट में पहचान बनाते जा रहे थे.


मां का हुआ निधन


जब जडेजा की उम्र मात्र 17 साल थी, तब उनकी मां का एक एक्सीडेंट में निधन हो गया. मां के निधन से रवींद्र जडेजा पूरी तरह बिखर गए थे और एक समय पर क्रिकेट छोड़ने की स्थिति में आ चुके थे. इस कठिन समय में बड़ी बहन ने उन्हें संभाला. नैना और पद्मिनी ने उस समय मां की इच्छा पूरी करने की बात कहकर जडेजा को दोबारा ट्रेनिंग शुरू करने के लिए प्रेरित किया था. उसके बाद जडेजा के व्यक्तिगत जीवन में बहुत बदलाव आने शुरू हुए.


अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप में जोरदार प्रदर्शन


17 साल की उम्र में रवींद्र जडेजा का अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप 2006 के लिए भारतीय टीम में चयन हुआ. इस टीम में रोहित शर्मा और चेतेश्वर पुजारा भी शामिल थे. दुर्भाग्यवश 2006 का वर्ल्ड कप उनके लिए यादगार नहीं रहा, लेकिन उसके बाद उनके प्रदर्शन में काफी सुधार हुआ. इसी के चलते उन्हें 2008 अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का उपकप्तान बनाया गया. टीम की कप्तानी विराट कोहली के हाथों में थी. 2008 अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप में जडेजा ने 6 मैचों में 10 विकेट लेकर भारत को वर्ल्ड चैंपियन बनाने में मदद की थी.


2009 में इंडिया के लिए किया डेब्यू


साल 2009 में रवींद्र जडेजा ने श्रीलंका के खिलाफ वनडे मैच में भारत के लिए डेब्यू किया. उस मैच में जडेजा ने 77 गेंद में 60 रन की नाबाद पारी खेली, लेकिन गेंदबाजी में कोई विकेट नहीं झटक पाए. उसके 2 दिन बाद जडेजा ने अंतर्राष्ट्रीय टी20 क्रिकेट डेब्यू किया. श्रीलंका के खिलाफ इस मैच में जडेजा ने केवल 5 रन बनाए और विकेट ना लेने के बावजूद अपने स्पेल में बेहद कसी हुई गेंदबाजी की थी.


रवींद्र जडेजा का अंतर्राष्ट्रीय करियर


2009 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर शुरू करने के बाद रवींद्र जडेजा भारत के लिए 72 टेस्ट मैच खेल चुके हैं, जिनमें उन्होंने 3,036 रन बनाने के अलावा 294 विकेट भी चटकाए हैं. वहीं अब तक खेले 197 वनडे मुकाबलों में उनके नाम 2,756 रन हैं और साथ ही 220 विकेट भी ले चुके हैं. वहीं भारत के लिए क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट में जडेजा 66 मैचों में 480 रन बनाने के अलावा 53 विकेट भी झटके हैं.


रिवाबा से रचाई शादी


रवींद्र जडेजा की रिवाबा जडेजा से पहली मुलाकात एक पार्टी में हुई थी. रिवाबा, रवींद्र की बहन नैना की अच्छी दोस्त थीं. कुछ समय डेटिंग करने के बाद ही दोनों ने 5 फरवरी, 2016 को सगाई कर ली थी. यह सगाई समारोह जडेजा ने अपने ही रेस्तरां में किया था. सगाई के कुछ ही महीने बाद अप्रैल 2016 में शादी रचाई. रवींद्र और रिवाबा की एक बेटी है, जिसका नाम निध्याना है.


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