Ravi Bishnoi Super over: बेंगलुरु में बुधवार (17 जनवरी) को खेले गए रोमांचक टी20 मुकाबले में अफगानिस्तान की टीम हार मानने को तैयार नहीं थी. 212 रन का टारगेट लेवल करने के बाद उसने सुपर ओवर में भी मैच को टाई करा दिया था. यहां आखिरी में दूसरे सुपर ओवर में रवि बिश्नोई के आगे उन्होंने घुटने टेके. रवि बिश्नोई ने दूसरे सुपर ओवर की तीन गेंदों में दो विकेट झटक कर बड़ी देर से खींचे चले आ रहे इस मैच का अंत कर दिया. उनका यह सुपर ओवर अब उन्हें टी20 वर्ल्ड कप स्क्वाड में जगह दिलाता नजर आ रहा है.


बेंगलुरु की पिच जो कि बल्लेबाजों की मददगार रहती है, जहां इस मुकाबले में दोनों टीमों ने 200+ स्कोर खड़ा किया, वहां बिश्नोई ने सुपर ओवर जैसे दबाव वाली परिस्थिति में न केवल 11 रन को डिफेंड किया बल्कि महज एक ही रन पर दो अफगान बल्लेबाजों को पवेलियन भेज सभी को चौंका दिया. एक स्पिनर के लिए टी20 क्रिकेट में डेथ ओवर्स या सुपर ओवर फेंकना आसान नहीं है. जब अफगानिस्तान के बल्लेबाज जो स्पिन बॉलिंग को बहुत अच्छा खेलते हैं, इनके खिलाफ स्पिनर का सुपर ओवर करना तो और ज्यादा मुश्किल है. लेकिन इन सब के उलट रवि बिश्नोई ने कमाल की गेंदें फेंकी.


टी20 वर्ल्ड कप में क्यों होने चाहिए रवि बिश्नोई?
यहां टी20 वर्ल्ड कप में रवि बिश्नोई की टिकट पक्के होने की बात इसलिए कही जा सकती है क्योंकि इस फॉर्मेट में इस तरह के पल आते हैं और ऐसे में निडर होकर गेंदबाजी करना और अपनी टीम को सफलता दिलाना, हर किसी गेंदबाज के बस की बात नहीं होती है. ऐसी परिस्थितियों में जीत दिलाने वाले खिलाड़ी निश्चित तौर पर टीम में होने चाहिए. यही आपको चैंपियन भी बनाते हैं. यही कारण है कि भारतीय टीम प्रबंधन के रवि बिश्नोई पर दांव खेल सकता है.


क्यों मिलेगी टी20 वर्ल्ड कप की टिकट?
टी20 वर्ल्ड कप स्क्वाड के लिए 15 खिलाड़ियों का चयन होना है. इसमें कम से कम दो और ज्यादा से ज्यादा तीन स्पिनर हो सकते हैं. यहां आर अश्विन के शामिल होने की उम्मीद लगभग न के बराबर है और युजवेंद्र चहल की संभावना आईपीएल परफॉर्मेंस पर टिकी है. ऐसे में कुलदीप यादव, रवि बिश्नोई, रवींद्र जडेजा और अक्षर पटेल के बीच रेस है. यहां रवि बिश्नोई की दावेदारी ज्यादा मजबूत है और इसके पीछे कुछ कारण भी है.


रवि बिश्नोई का बॉलिंग एवरेज रवींद्र जडेजा और अक्षर पटेल से बेहतर है. जडेजा और अक्षर स्पिन ऑलराउंडर है और बिश्नोई विशेषज्ञ स्पिनर है. वह पावरप्ले में भी गेंदबाजी कर सकते हैं और डेथ ओवर्स में भी किफायती साबित हो सकते हैं. अफगानिस्तान के खिलाफ सुपर ओवर में उन्होंने दबाव की परिस्थिति में भी गेंदबाजी करने की अपनी कला दिखा दी है. फिर सबसे बड़ा कारण यह है कि कुलदीप, जडेजा और अक्षर तीनों ही बाएं हाथ के स्पिनर हैं, ऐसे में इन तीनों का एक साथ टीम में होना थोड़ा मुश्किल नजर आ रहा है. टीम प्रबंधन अपनी स्क्वाड में कुछ वैरायटी रखना चाहेगा और यही कारण है कि वह दाएं हाथ के रवि बिश्नोई को प्राथमिकता दे सकता है.


यहां यह भी आसार है कि रवींद्र जडेजा या अक्षर पटेल में से कोई एक ही टी20 वर्ल्ड कप स्क्वाड में जगह बनाए क्योंकि दोनों की ही गेंदबाजी और बल्लेबाजी शैली एक जैसी है. ऐसे में अगर दो स्पिनर की जगह बच जाती है तो कुलदीप और रवि बिश्नोई टीम मैनजमेंट की पसंद हो सकते हैं.


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