Ravichandran Ashwin Retirement: भारतीय टीम के ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को जबसे वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) फाइनल मुकाबले के लिए टीम इंडिया में जगह नहीं मिली वह चर्चा का विषय बने हुए हैं. अब अश्विन ने अपने करियर को लेकर एक बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज के बाद संन्यास लेने का मन बना चुके थे. हालांकि उनकी पत्नी ने उन्हें ऐसा करने से रोक लिया.


साल 2022 के अंत में बांग्लादेश दौरे के दौरान खेले गए 2 टेस्ट मैचों के बाद रविचंद्रन अश्विन को घुटने के दर्द से जूझना पड़ा था. इसके बाद उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के बाद संन्यास लेने का मन बना लिया था. हालांकि अश्विन ने अपने गेंदबाजी एक्शन में बदलाव किया और इसका उन्हें लाभ मिला.


रविचंद्रन अश्विन ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए अपने बयान में कहा कि मैने अभी तक अपने जीवन में जो कुछ किया उसपर मुझे गर्व है. एक चीज जो खिलाड़ी को कभी भी परेशान कर सकती वह बढ़ती उम्र. जब वह अनुभवी हो जाते तो वह एक चीज को इतनी मजबूती के साथ पकड़ने रहना चाहते हैं कि उन्हें अपने करियर में आगे दिक्कत ना हो. जब मैं बांग्लादेश के दौरे से वापस आया तो मैने अपनी पत्नी से कहा कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज मेरी आखिरी सीरीज हो सकती है.


अश्विन ने आगे कहा कि मुझे घुटने में कुछ परेशानी थी. मैने उससे कहा मैं अपना गेंदबाजी एक्शन थोड़ा बदल दूंगा. मैं अपनी गेंदबाजी से भी खुश नहीं था. क्योंकि गेंद अधिक घूम नहीं रही थी. इसके बाद मैने साल 2013-14 वाले एक्शन से गेंदबाजी करने का फैसला किया. उस समय मैं बैंगलोर गया और वहां मुझे इंजेक्शन लेने पड़ते थे. लेकिन एक्शन बदलने के साथ मेरे घुटने का दर्द भी चला गया.


मुझे खुद पर होता गर्व


ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में रवि अश्विन को प्लेयर ऑफ द सीरीज का खिताब दिया गया था. इसको लेकर अश्विन ने कहा कि उस अवार्ड के लिए मुझे खुद पर गर्व है. मेरे लिए वह पिछले 4 से 5 सालों में सबसे बेहतरीन प्रदर्शनों में से एक था. मुझे अच्छा लगा मैं 36 साल की उम्र में अपने गेंदबाजी एक्शन को बदलने के साथ ऐसा करने में कामयाब हुआ.


यह भी पढ़ें...


ENG vs AUS 1st Test: इंग्लैंड ने 393 रन बनाकर पहली पारी की घोषित, जो रूट ने जड़ा नाबाद शतक