किसी भी तरह के विकेट पर जीतना जानते हैं भारतीय गेंदबाज
पिछले ढाई-तीन साल में भारतीय गेंदबाजी में कमाल का फर्क दिख रहा है. भारतीय गेंदबाज विरोधी टीम के 20 विकेट लेने में लगातार कामयाब हो रहे हैं. टेस्ट मैच की बड़ी प्रचलित कहावत है कि बल्लेबाज मैच बचाते हैं जबकि गेंदबाज मैच जिताते हैं. इस कहावत पर भारतीय गेंदबाजी बिल्कुल खरी उतरती है. भारतीय गेंदबाजों को अब पिच और मौसम से फर्क नहीं पड़ता. वो हर तरह की विकेट पर गेंदबाजी कर विकेट निकालने की काबिलियत पैदा कर चुके हैं. अब भारतीय टीम जीत के लिए स्पिन फ्रैंडली विकेटों की मोहताज नहीं रही. विशाखापत्तनम टेस्ट मैच की दूसरी पारी में भारतीय गेंदबाजी इस बात को साबित करती है. दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज आर अश्विन के खिलाफ बहुत सावधानी बरत रहे थे और विकेट लेने का काम मोहम्मद शमी ने कर दिया. मोहम्मद शमी ने इनकमिंग गेंदों का अपना हथियार बनाया. उन्हें रिवर्स स्विंग भी मिली. नतीजा उन्होंने दूसरी पारी में 5 विकेट लिए. शमी की गेंदबाजी ‘विकेट टू विकेट’ थी. जडेजा भी बीच बीच में अपना काम करते रहे. ये बात लगभग तय है कि पुणे टेस्ट मैच में भी विराट कोहली इसी प्लेइंग 11 के साथ उतरेंगे. ईशांत शर्मा निश्चित तौर पर पुणे में और ज्यादा प्रभावशाली दिखेंगे.
अश्विन-जडेजा की जोड़ी एक और एक ग्यारह
पुणे टेस्ट में स्पिन गेंदबाजों की जोड़ी एक बार फिर अफ्रीकी बल्लेबाजों को परेशान करेगी. पहले टेस्ट मैच में अश्विन और जडेजा ने मिलकर 14 विकेट लिए. दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों के लिए भारत में ये जोड़ी बहुत खतरनाक साबित हुई. इस जोड़ी के रिकॉर्ड्स भी शानदार हैं. भारत में अश्विन और जडेजा ने एक साथ 29 टेस्ट खेले जिसमें से 22 टेस्ट मैच में भारतीय टीम को जीत मिली है. इन मैचों में इन दोनों स्पिनर्स ने मिलकर 329 विकेट हासिल किए. आंकड़े ये बताते हैं कि जडेजा और अश्विन की जोड़ी भारतीय क्रिकेट के इतिहास में अब तक की सबसे कामयाब फिरकी जोड़ी में से एक है . जडेजा-अश्विन की जोड़ी जीत प्रतिशत के मामले में हरभजन और अनिल कुंबले की जोड़ी से आगे निकल गई है. हरभजन और कुंबले ने एक साथ भारत के लिए 54 मैच खेले जिसमें से 21 में टीम इंडिया को जीत मिली. इन दोनों के रहते टीम इंडिया की जीत का प्रतिशत रहा- 38.8 . वहीं जडेजा और अश्विन की जोड़ी के रहते टीम इंडिया की जीत का प्रतिशत है 75 से ज्यादा का है. दोनों जोड़ियों की गेंदबाजी औसत भी इस बात को साबित करता है कि अश्विन-जडेजा की जोड़ी ज्यादा बेहतर है . जडेजा और अश्विन की जोड़ी की गेंदबाजी औसत है 22 की जबकि हरभजन और कुंबले की जोड़ी की गेंदबाजी औसत है 30 की है.