IPL Auction: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) अपने 15 सीजन पूरे कर चुका है और इसके 16वें सीजन की तैयारियां चल रही हैं. आईपीएल नीलामी जब भी आती है तो लोग इसके बारे में जानने के लिए काफी उत्सुक रहते हैं कि इसमें चीजें किस तरह से होती हैं. इस आर्टिकल में आपको खिलाड़ियों की बेस प्राइस से लेकर नीलामी की प्रक्रिया से जुड़ी हर जानकारी मिलेगी. 


क्या होती है बेस प्राइस?


नीलामी प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही बोर्ड एक लिस्ट तैयार करती है जिसमें शॉर्टलिस्ट किए गए खिलाड़ियों का नाम होता है. रजिस्ट्रेशन बहुत सारे खिलाड़ी कराते हैं, लेकिन नीलामी के लिए उन्हें ही शॉर्टलिस्ट किया जाता है जिनमें टीमों ने रुचि दिखाई होती है. इन सभी खिलाड़ियों की बेस प्राइस तय होती है. बेस प्राइस 20 लाख रूपये से लेकर दो करोड़ रूपये तक हो सकती है जिसे खिलाड़ी खुद तय करता है.


अलग-अलग कैटेगरी में रखे जाते हैं खिलाड़ी


नीलामी के लिए खिलाड़ियों को अलग-अलग कैटेगरी में रखा जाता है. बेस प्राइस और खिलाड़ी की स्किल के आधार पर कैटेगरी बनाई जाती है जिसमें तेज गेंदबाज, स्पिनर्स, ऑलराउंडर्स, बल्लेबाज और विकेटकीपर को अलग-अलग रखा जाता है. इसके अलावा कैप्ड और अनकैप्ड खिलाड़ियों की भी कैटेगरी बनाई जाती है.


क्या होती है बिडिंग वॉर?


किसी खिलाड़ी को खरीदने के लिए टीमों को बोली लगानी होती है और यह तब तक चलती रहती है जब तक कि बोली लगाने में केवल एक ही टीम बची हो. जिस टीम ने आखिरी बोली लगाई होती है उसे ही खिलाड़ी मिलता है. जब एक ही खिलाड़ी के लिए कई टीमें बोली लगाने लगती हैं और वह बेस प्राइस से काफी आगे निकल जाता है तो इसे बिडिंग वॉर कहा जाता है.


किसे कहते हैं अनसोल्ड खिलाड़ी?


कुछ खिलाड़ी नीलामी के दौरान नहीं बिकते हैं जिन्हें अनसोल्ड खिलाड़ी कहा जाता है. इन खिलाड़ियों के लिए अंत में एक्सीलेरेटेड बिडिंग कराई जाती है जिसमें काफी तेजी से सारी प्रक्रिया होती है. इसमें बोली लगाने के लिए काफी कम समय होता है और अधिकतर खिलाड़ी अपनी बेस प्राइस पर ही बिकते हैं. 


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