Rahul Dravid on Team India's Preparations: भारत और ऑस्ट्रेलिया (IND vs AUS) के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी शुरू होने में अब चंद दिन ही बाकी हैं. ऑस्ट्रेलिया की टीम इस अहम सीरीज के लिए जहां बेंगलुरु में तैयारी कर रही है, वहीं भारतीय टीम ने नागपुर में ही ट्रेनिंग कैंप लगा रखा है. यहीं विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में पहला टेस्ट मैच खेला जाना है. टीम इंडिया यहां जमकर अभ्यास कर रही है. हेड कोच राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने एक वीडियो पोस्ट में बताया है कि टीम इंडिया की तैयारी कैसी चल रही है और किन चीजों पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है.


BCCI ने एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में भारतीय टीम की पूरी टेस्ट स्क्वाड मैदान पर बैटिंग और बॉलिंग से लेकर फील्डिंग तक, हर फील्ड में जमकर पसीना बहा रही है. इस वीडियो में कप्तान रोहित शर्मा, विराट कोहली से लेकर रवीन्द्र जडेजा तक नेट पर अभ्यास करते नजर आ रहे हैं. टीम का कोचिंग स्टाफ भी खिलाड़ियों की तैयारियों को परखता नजर आ रहा है.


इस वीडियो में राहुल द्रविड़ कहते नजर आ रहे हैं, 'पिछले दो-तीन दिन बेहद शानदार रहे हैं. हमने कुछ लंबे प्रैक्टिस सेशन रखे. कोचिंग स्टाफ के तौर पर यह बेहद उत्साहित कर देने वाला रहा है क्योंकि आमतौर पर लगातार मैच होते रहने के कारण खिलाड़ियों के साथ इतना वक्त बिताने का मौका कम ही मिलता है. पिछले एक महीने से इस सीरीज के लिए रणनीतियां बन रही थीं, अब ये 5-6 दिन काफी महत्वपूर्ण हैं.'


'क्लोजिंग कैच और स्लिप फील्डिंग पर ज्यादा फोकस'
राहुल द्रविड़ कहते हैं, 'हर कोई अच्छी लय में नजर आ रहा है. पूरी टेस्ट टीम को एक साथ देखकर अच्छा लग रहा है. पिछले महीने हमने सफेद गेंद से बहुत क्रिकेट खेला है, ऐसे में टेस्ट सीरीज से पहले यह कैंप जरूरी था. कुछ खिलाड़ी भी सफेद गेंद से लाल गेंद के क्रिकेट की ओर शिफ्ट होने जा रहे हैं तो उनके लिए भी यह ट्रेनिंग कैंप अच्छा साबित होगा. उन्हें नेट प्रैक्टिस के लिए थोड़ा ज्यादा वक्त दिया जा रहा है. हमारी फील्डिंग साइड ठीक नजर आ रही है. यह बहुत जरूरी भी है. क्लोजिंग कैचिंग और स्लिप फील्डिंग पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है.' 






द्रविड़ कहते हैं, 'लगातार क्रिकेट के कारण आमतौर पर किसी भी सीरीज के लिए केवल एक या दो दिन पहले ही टीम इकट्ठा होती है. तो ऐसे में आपके पास टीम पर वर्क करने का ज्यादा टाइम नहीं होता. मुझे लंबे ट्रेनिंग कैंप पसंद है क्योंकि इनके जरिए ही खिलाड़ियों और टीम पर काम किया जा सकता है. मैं बहुत खुश हूं कि नागपुर में हमें 5 से 6 दिन का वक्त मिला, उम्मीद है इसका अच्छा परिणाम निकलेगा.'


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