Sourav Ganguly on Virat Kohli: BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) जब क्रिकेट खेला करते थे तो उन्हें उनकी आक्रामकता के लिए पहचाना जाता था. बल्लेबाजी की बात हो या कप्तानी की, दोनों ही विभागों में उनकी आक्रामकता देखने  काबिल होती थी. विराट कोहली (Virat Kohli) को भी मैदान पर कुछ इसी अंदाज में देखा जाता है. हालांकि जब सौरव गांगुली से उनकी और विराट की आक्रामकता को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने इस प्रश्न को खारिज करते हुए कहा कि तुलना आक्रमकता पर नहीं बल्कि खिलाड़ी के कौशल पर होनी चाहिए और इस मामले में विराट उनसे बेहतर हैं.


सौरव गांगुली ने ‘यू-ट्यूब’ पर 'रणवीर शो' में कहा, 'मुझे नहीं लगता कि कप्तानी पर तुलना होनी चाहिए. तुलना एक खिलाड़ी के तौर पर कौशल के मामले में होनी चाहिए. और इस विभाग में वह मुझसे ज्यादा कुशल हैं. हम अलग-अलग दौर में खेले और हमने काफी क्रिकेट खेला. मैं अपनी पीढ़ी में खेला और वह अभी खेल रहे हैं. मैंने कोहली के मुकाबले ज्यादा क्रिकेट खेला है लेकिन इस मामले में वह मुझसे आगे निकल जाएंगे. वह कमाल के खिलाड़ी हैं.' 


विराट कोहली लंबे अरसे बाद फॉर्म में लौटे हैं. उन्हें अपने अंतरराष्ट्रीय शतक के लिए 1020 दिन तक इंतजार करना पड़ा. उन्होंने एक महीने का ब्रेक लेने के बाद एशिया कप से टीम में वापसी की और शुरुआती मुकाबलों में छोटी-छोटी और महत्वपूर्ण पारियां खेलने के बाद अफगानिस्तान के खिलाफ भारत के आखिरी ‘सुपर फोर’ मैच में 61 गेंद में नाबाद 122 रन की शानदार पारी खेली. 


सौरव गांगुली से जब पूछा गया कि कोहली जब संघर्ष कर रहे थे तब क्या उन्होंने कोई सलाह दी थी. इस पर गांगुली ने कहा, 'वे (टीम) बहुत यात्रा करते है, मुझे उनसे मिलने का समय नहीं मिलता.' गांगुली ने कहा, 'हर किसी के प्रदर्शन पर मीडिया की नजर रहती है. हमें पता नहीं रहता कि मीडिया में किसकी बात चल रही है क्योंकि होटल में पहुंचने के बाद मैं सबसे पहले रिसेप्शन पर कहता हूं कि मुझे अखबार नहीं चाहिये.'


ग्रेग चैपल से विवाद पर क्या बोले गांगुली?
अपने क्रिकेट करियर के दौरान सौरव गांगुली का कोच ग्रेग चैपल से विवाद हुआ था. इसके बाद वह कई बार टीम से अंदर-बाहर हुए थे. उन्होंने उस दौर में कई उतार-चढ़ाव देखे. इस दौर से जुड़े सवाल पर गांगुली कहते हैं कि क्रिकेटरों को अपने खराब प्रदर्शन को सकारात्मक तरीके से लेना चाहिये. उन्होंने कहा, 'मैं उस दौर में किसी मानसिक परेशानी से नहीं गुजरा. मेरे लिए अच्छे और बुरे दोनों तरह के समय रहे. मैंने बिना दबाव, कम दबाव और अधिक दबाव में खेल का लुत्फ उठाया है. मैं इसे गलत नहीं मानता हूं.'


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