बूढ़े मां-बाप के लिए बुक की थी टिकट, लेकिन अलग-अलग कोच में कंफर्म हो गई सीट, ऐसे कर सकते हैं एक्सचेंज
अक्सर ऐसा होता है कि बुज़ुर्ग मां बाप के लिए एक साथ यात्रा की टिकट बुक की जाती है. लेकिन सिस्टम की वजह से सीटें अलग अलग कोच में कंफर्म हो जाती हैं. यह सिचुएशन खासकर लंबी दूरी की ट्रेनों में परेशानी बढ़ा देती है. ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं. कुछ तरीके काम आ सकते हैं.
सबसे आसान तरीका है ट्रेन के चलने से पहले चार्ट बनने का इंतजार करना. चार्ट बनने के बाद सीट और कोच की क्लियर साफ हो जाती है. कई बार चार्ट के बाद भी एक ही कोच में सीट खाली होती है. जिसे टीटीई की मदद से बदला जा सकता है.
सफर के दिन ट्रेन में चढ़ते ही टीटीई से मिलें और पूरी बात समझाएं. बुज़ुर्ग यात्रियों का मामला होने पर टीटीई अक्सर सहयोग करते हैं. अगर उसी कोच या पास वाले कोच में खाली सीट होगी. तो सीट एक्सचेंज होने के चांस बढ़ जाते हैं.
अगर सीट खाली न होतो टीटीई दूसरे यात्रियों से सहमति लेकर सीट बदलवा सकते हैं. कई लोग मदद के लिए तैयार हो जाते हैं. खासकर जब मामला बुज़ुर्ग यात्रियों का हो. यात्रा से पहले रेलवे हेल्पलाइन 139 पर कॉल करके भी समस्या बताई जा सकती है.
यहां से आपकी रिक्वेस्ट सिस्टम में दर्ज हो जाती है. इससे टीटीई को पहले से जानकारी मिल जाती है और हेल्प मिलने की पाॅसिबिलिटी बढ़ जाती है. अगर टिकट ऑनलाइन बुक की गई है. तो रेलवे के ऐप या वेबसाइट पर जाकर भी शिकायत दर्ज की जा सकती है.
कुछ मामलों में चार्ट बनने से पहले ही सीट एडजस्ट कर दी जाती है. जब ट्रेन में भीड़ कम हो. आगे से ऐसी परेशानी न हो. इसके लिए टिकट बुक करते समय सीनियर सिटिजन कोटे और लोअर बर्थ का ऑप्शन जरूर सिलेक्ट करें. इससे एक ही कोच में सीट मिलने के चांस बढ़ जाते है.