ऊंचाहार एक्सप्रेस से जाना था और गलती से प्रयागराज एक्सप्रेस में बैठ गए, कितना जुर्माना लेगा टीटीई?
लोग कम खर्च, बेहतर कनेक्टिविटी और हर इलाके तक पहुंच होने की वजह से ट्रेन आज भी लोगों की पहली पसंद बनी हुई है. यात्रियों की इतनी बड़ी संख्या होने की वजह कई बार छोटी मोटी गलतियां भी हो जाती हैं. जल्दबाजी या जानकारी की कमी में कुछ लोग अपनी तय ट्रेन की जगह किसी दूसरी ट्रेन में बैठ जाते हैं.
कई बार ऐसा देखने को मिलता है मान लीजिए आपको ऊंचाहार एक्सप्रेस में जाना था. लेकिन उसकी जगह आप प्रयागराज एक्सप्रेस में बैठ गए तब फिर आपको परेशानी झेलनी पड़ सकती है. ऐसे में आपको रेलवे के नियमों के तहत जु्र्माना देना होता है.
अगर कोई यात्री गलती से दूसरी ट्रेन में बैठ जाता है और टीटीई जांच के दौरान यह सामने आता है. तो सबसे पहले टिकट और ट्रेन का मिलान किया जाता है. देखा जाता है कि यात्रा की तारीख, रूट और क्लास एक जैसी है या नहीं. इसके बाद ही आगे फैसला लिया जाता है.
रेलवे नियमों के अनुसार गलत ट्रेन में यात्रा करना अनियमित यात्रा की कैटेगरी में आता है. ऐसी स्थिति में टीटीई यात्री से जुर्माना वसूल सकता है. इसमें संबंधित ट्रेन का किराया और एक्स्ट्रा पेनल्टी शामिल हो सकती है. जो दूरी और कोच कैटेगरी पर निर्भर करती है.
अगर दोनों ट्रेनें एक ही रूट पर चल रही हों. तो कुछ मामलों में टीटीई यात्री को राहत भी दे सकता है. सीट मौजूद होने पर यात्री को आगे की यात्रा की अनुमति मिल सकती है या फिर सही ट्रेन में शिफ्ट करने का ऑप्शन दिया जा सकता है.
एसी और स्लीपर कोच में जुर्माने की रकम अलग अलग हो सकती है. सुपरफास्ट चार्ज और चार्जेज जोड़ने पर रकम बढ़ जाती है. लंबी दूरी के सफर में यह रकम काफी ज्यादा भी हो सकती है. इसलिए सावधानी जरूरी है. सबसे अच्छा तरीका यही है कि ट्रेन में चढ़ने से पहले ट्रेन नंबर और नाम अच्छी तरह जांच लें.