क्या आपके बच्चे की भी उम्र हो गई 15 साल से ज्यादा? फ्री में ऐसे अपडेट कराएं आधार बायोमैट्रिक
दरअसल UIDAI के नियमों के अनुसार 5 साल से कम उम्र के बच्चों के फिंगरप्रिंट और आईरिस स्कैन नहीं लिए जाते. इसलिए जब बच्चा 5 साल का होता है, तब मैंडेटरी बायोमैट्रिक अपडेट करना जरूरी होता है. इसी तरह 15 साल की उम्र में दूसरा बायोमैट्रिक अपडेट अनिवार्य होता है, जिससे आधार लंबे समय तक उपयोगी बना रहे.
UIDAI ने 1 अक्टूबर 2025 से 30 सितंबर 2026 तक बच्चों के बायोमैट्रिक अपडेट की फीस पूरी तरह माफ कर दी है. पहले इस अपडेट के लिए 125 रुपये देने पड़ते थे. लेकिन अब तय अवधि में माता-पिता बिना किसी शुल्क के बच्चों का फिंगरप्रिंट, आईरिस और फोटो अपडेट करा सकते हैं.
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के अनुसार फैसले से देशभर में करीब 6 करोड़ बच्चों को फायदा मिलेगा. आधार अपडेट न होने की वजह से कई बच्चे स्कूल में एडमिशन, स्कॉलरशिप और डीबीटी योजनाओं से वंचित रह जाते हैं. वहीं अब फ्री अपडेट से यह परेशानी भी कम होगी.
इसके अलावा जब बच्चा 5 साल का होता है, तब आधार में उसकी नई फोटो, फिंगरप्रिंट और आईरिस स्कैन जोड़े जाते हैं. इसे पहला बायोमैट्रिक अपडेट कहा जाता है; अगर यह अपडेट नहीं कराया गया तो ब्लू या बाल आधार अस्थायी माना जाता है.
UIDAI की गाइडलाइन के अनुसार 15 साल की उम्र तक बच्चों के बायोमेट्रिक पूरी तरह विकसित हो जाते हैं. इसलिए इस उम्र में दोबारा फिंगरप्रिंट, आईरिस स्कैन और फोटो अपडेट करना जरूरी होता है. यह अपडेट 15 से 17 साल के बीच कराया जा सकता है और अभी यह पूरी तरह मुफ्त है.
इसके अलावा UIDAI ने पाया था की पेरेंट्स भ्रम, जानकारी की कमी या असुविधा के कारण बच्चों का बायोमैट्रिक अपडेट समय पर नहीं कराते. इस वजह से कई बच्चों को आधार से जुड़ी सेवाओं से में दिक्कत आती है.
वहीं बच्चों का बायोमैट्रिक अपडेट नजदीकी आधार एनरोलमेंट सेंटर या आधार सेवा केंद्र पर कराया जा सकता है. इसके लिए बच्चों का आधार नंबर या बाल आधार और माता-पिता का आधार पहचान के तौर पर देना होता है. वहीं बायोमैट्रिक अपडेट होने के बाद अपडेट की जानकारी दो से पांच दिनों में आधार रिकॉर्ड में दिखने लगती है.