धमकी वाले मैसेज की वजह से लेट हुई फ्लाइट तो भी मिलेगा रिफंड, जानें क्या है नियम?
फ्लाइट लेट होने पर रिफंड के लिए नियम तय किए गए हैं. अगर देरी तकनीकी खराबी, ऑपरेशनल दिक्कत या एयरलाइन की गलती से होती है. तो यात्रियों को रिफंड, रीबुकिंग या मुआवजे का अधिकार मिलता है. लेकिन जब मामला सुरक्षा से जुड़ा हो तो नियम थोड़े अलग तरीके से लागू होते हैं.
धमकी वाले मैसेज, सुरक्षा अलर्ट, बम स्क्वाड जांच या किसी तरह की हाई रिस्क सूचना मिलने पर एयरलाइन के पास उड़ान रोकने के अलावा कोई ऑप्श नहीं रहता. ऐसे मामलों को एक्ट ऑफ सिक्योरिटी कंसर्न माना जाता है. मतलब यह कि एयरलाइन की इसमें कोई गलती नहीं होती और देरी सुरक्षा एजेंसियों के कहने पर होती है.
लेकिन फिर भी यात्रियों को रिफंड मिल सकता है. अगर सुरक्षा जांच के चलते फ्लाइट कई घंटे लेट हो जाए या आगे का सफर मुश्किल हो जाए. तो यात्री रिफंड की मांग कर सकते हैं. कई एयरलाइंस ऐसे मामलों में फुल रिफंड या बिना चार्ज दोबारा बुकिंग का ऑप्शन देती हैं. हालांकि यह एयरलाइन की पॉलिसी पर डिपेंड करता है.
नियमों के मुताबिक अगर फ्लाइट इतनी देर हो जाए कि यात्री अपनी जरूरत के हिसाब से आगे सफर नहीं कर पा रहे. तो वह टिकट कैंसिल कर सकते हैं. एयरलाइन उन्हें एक्सेप्शनल केस मानकर रिफंड देती है. बस इसके लिए यात्री को कस्टमर केयर या एयरलाइन काउंटर पर देरी और उसकी वजह का जिक्र करते हुए रिक्वेस्ट करनी पड़ती है.
सिविल एविएशन की गाइडलाइंस कहती हैं कि सुरक्षा खतरे की स्थिति में एयरलाइन यात्रियों की सुविधा का ध्यान रखेगी. देरी घंटों तक जारी रहे तो पानी, स्नैक्स या जरूरी सहायता दी जाती है. कई बार एयरलाइन खुद यात्रियों को रीबुकिंग का ऑप्शन देती है.
अगर भविष्य में कभी धमकी के मामले के चलते देरी का सामना करना पड़े. तो घबराने की जरूरत नहीं है. सबसे पहले एयरलाइन का अपडेट देखें. फिर कस्टमर सपोर्ट पर रिफंड या रीबुकिंग के लिए रिक्वेस्ट करें. ऐसे मामलों में एयरलाइन सख्त नियमों के बाद भी यात्रियों का साथ देती है. बस सही प्रोसेस को फाॅलो करना जरूरी है.