चीन और पाकिस्तान से भी क्यों सस्ता है भारत में मोबाइल डेटा? उठ गया सच्चाई से पर्दा
मंत्री के अनुसार, देश की टेलीकॉम पॉलिसी और टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी TRAI द्वारा बनाए गए रेगुलेशन ने मोबाइल सेवाओं की कीमतों को नियंत्रण में रखा है. टेलीकॉम टॉक की रिपोर्ट के मुताबिक, इन्हीं नियमों की वजह से कंपनियों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा बनी रहती है जिसका सीधा फायदा ग्राहकों को कम दाम में कॉल और डेटा के रूप में मिलता है. सरकार का मानना है कि इस व्यवस्था ने भारत में डिजिटल सेवाओं को आम लोगों तक पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई है.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत सस्ते इंटरनेट वाले देशों में शामिल है. संचार मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ यानी ITU के 2024 के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि मोबाइल सेवाओं की कीमतों के मामले में भारत दुनिया के सबसे किफायती देशों में गिना जाता है. कई वैश्विक रिपोर्ट्स भी इस बात की पुष्टि करती हैं कि भारत में मोबाइल डेटा और कॉल दरें न सिर्फ पड़ोसी देशों बल्कि विकसित देशों की तुलना में भी काफी कम हैं.
TRAI एक्ट 1997 के तहत ट्राई एक स्वतंत्र संस्था के रूप में काम करती है जो देश में टेलीकॉम सेक्टर को संतुलित रखने का जिम्मा संभालती है. मौजूदा व्यवस्था में ज्यादातर टेलीकॉम सेवाओं की कीमतें बाजार की ताकतों पर निर्भर करती हैं यानी कंपनियां खुद अपने प्लान तय कर सकती हैं. हालांकि, कुछ जरूरी सेवाओं जैसे नेशनल रोमिंग, ग्रामीण फिक्स्ड लाइन, मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी और कुछ अन्य क्षेत्रों में ट्राई का नियंत्रण बना रहता है ताकि उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ न पड़े.
सरकार का यह भी मानना है कि सस्ता मोबाइल डेटा और ब्रॉडबैंड भारत को वैश्विक स्तर पर एक बड़े डेटा हब के रूप में उभार सकता है. आने वाले चार से पांच वर्षों में भारत इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ सकता है जिससे डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.
कुल मिलाकर, मजबूत नीतियां, सख्त लेकिन संतुलित रेगुलेशन और प्रतिस्पर्धी बाजार ही भारत में सस्ते मोबाइल डेटा का सबसे बड़ा कारण हैं जिसने देश को डिजिटल क्रांति की राह पर आगे बढ़ाया है.