भूकंप से पहले बजेगा अलर्ट! अब बिना मोबाइल के भी मिल जाएगी चेतावनी, गूगल के इस डिवाइस में आया नया फीचर
गूगल की यह टेक्नोलॉजी किसी पारंपरिक सिस्मोमीटर पर निर्भर नहीं करती. इसकी खासियत यह है कि यह दुनिया भर में मौजूद करोड़ों एंड्रॉयड डिवाइस में लगे मोशन सेंसर्स का उपयोग करती है. जब किसी क्षेत्र में कई स्मार्टफोन एक साथ ज़मीन में कंपन महसूस करते हैं तो गूगल के सर्वर उस डाटा को फौरन एनालाइज करके तय करते हैं कि क्या यह वाकई भूकंप है. यदि पुष्टि होती है तो प्रभावित इलाकों में लोगों को कुछ सेकंड पहले ही अलर्ट भेज दिया जाता है जिससे वे खुद को सुरक्षित स्थान पर ले जा सकें या सतर्क हो सकें.
अब यही सुविधा स्मार्टवॉच पर भी आ रही है. इसका मतलब यह है कि अगर आपका फोन पास नहीं है या साइलेंट मोड पर है, तब भी आपकी घड़ी आपको आपके हाथ पर ही भूकंप का चेतावनी संकेत दे सकती है. खास तौर पर उन लोगों के लिए यह और भी उपयोगी साबित हो सकती है जो LTE कनेक्टिविटी वाली स्मार्टवॉच का इस्तेमाल करते हैं और हमेशा फोन साथ नहीं रखते.
अलर्ट किस तरह से स्मार्टवॉच स्क्रीन पर दिखेगा, इसकी पुष्टि अभी तक नहीं हुई है लेकिन उम्मीद की जा रही है कि यह उसी तरह होगा जैसा कि एंड्रॉयड फोनों पर दिखता है जैसे अनुमानित तीव्रता और भूकंप के केंद्र से आपकी दूरी. हल्के झटकों के लिए सामान्य नोटिफिकेशन आएगा जो फोन या घड़ी की मौजूदा सेटिंग्स को प्रभावित नहीं करेगा लेकिन तेज़ भूकंप के समय ज़ोरदार अलर्ट और विजुअल चेतावनी दी जा सकती है, चाहे डिवाइस 'डू नॉट डिस्टर्ब' मोड में ही क्यों न हो.
यह तकनीक उन क्षेत्रों के लिए बेहद फायदेमंद हो सकती है, जहां भूकंप का खतरा बना रहता है. भले ही यह कोई आपदा रोक न सके लेकिन अगर लोगों को कुछ सेकंड पहले भी जानकारी मिल जाए तो जान बचाने का मौका कई गुना बढ़ सकता है जैसे खिड़कियों से दूर जाना, टेबल के नीचे छिपना या मानसिक रूप से तैयार हो जाना.
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि यह सुविधा भारत में कब तक उपलब्ध होगी. जैसे एंड्रॉयड में हुआ था, वैसे ही हो सकता है कि इसे पहले कुछ चुने हुए इलाकों में जारी किया जाए और फिर धीरे-धीरे बाकी क्षेत्रों में उपलब्ध कराया जाए. चाहे यह बड़े सॉफ़्टवेयर अपडेट के ज़रिए आए या चुपचाप बैकग्राउंड में ऐड किया जाए, इतना तय है कि यह गूगल स्मार्टवॉच का सबसे महत्वपूर्ण फीचर बन सकता है.