शारीरिक संबंध बनाने के कितने दिन बाद चलता है प्रेग्नेंसी का पता, क्या होती है सबसे पहली पहचान?
मेडिकल स्टडी के मुताबिक, शारीरिक संबंध बनाने के बाद कंसीव होने का पता लगाने में 7 से 14 दिन लग सकते हैं. हालांकि, इसका पता लगाने के पीछे कई वजह होती हें.
इनमें सबसे पहली वजह पीरियड्स मिस होना, दूसरी वजह हार्मोनल चेंजेज होती है. इसके बाद टेस्टिंग किट भी आपकी मदद करती है.
दरअसल, कंसीव होने के बाद जब निषेचित अंडा (fertilized egg) गर्भाशय की दीवार में प्रत्यारोपित (implantation) होता है तो शरीर में hCG हार्मोन (Human Chorionic Gonadotropin) का प्रॉडक्शन शुरू हो जाता है.
ऐसे में प्रेग्नेंसी का पता लगाने के लिए मॉडर्न होम प्रेग्नेंसी टेस्ट किट्स काफी मदद करती हैं. ये किट्स 7-12 दिन में ही hCG हार्मोन का पता लगा सकती हैं.
कई टेस्टिंग किट्स इतनी ज्यादा सेंसिटिव होती हैं, जो 10-25 mIU/mL लेवल के hCG को भी डिटेक्ट कर सकती हैं. हालांकि, ज्यादा बेहतर रिजल्ट्स के लिए पीरियड्स मिस होने के बाद यानी करीब 14 दिन बाद टेस्ट करने की सलाह दी जाती है.
डॉक्टरों की मानें तो ब्लड टेस्ट (Beta hCG टेस्ट) से शारीरिक संबंध बनाने के 6-8 दिन में ही प्रेग्नेंसी का पता लगाया जा सकता है. यह टेस्ट hCG के लोअर लेवल को भी माप सकता है.
इसके अलावा अल्ट्रासाउंड स्कैन से गर्भाशय में भ्रूण की थैली (gestational sac) को देखने के लिए आमतौर पर 4-5 सप्ताह का वक्त लगता है. यह प्रक्रिया प्रेग्नेंसी की पुष्टि करने और भ्रूण की स्थिति जांचने का सबसे विश्वसनीय तरीका है. हालांकि, शुरुआती चरण में यह कम उपयोगी होता है, क्योंकि इतनी जल्दी भ्रूण का डिवेलपमेंट पूरी तरह नजर नहीं आता है.
आमतौर पर प्रेग्नेंसी की सबसे पहली और सबसे आम पहचान पीरियड्स का मिस होना ही माना जाता है. यह संकेत उन महिलाओं में सबसे स्पष्ट होता है, जिनके पीरियड्स नियमित होते हैं.
कंसीव होने के 6-12 दिन बाद जब निषेचित अंडा गर्भाशय की दीवार में प्रत्यारोपित होता है तो हल्की ब्लीडिंग या स्पॉटिंग हो सकती है. यह आमतौर पर गुलाबी या भूरे रंग का होता है और पीरियड्स से हल्का होता है. करीब 20-30% प्रेग्नेंट महिलाओं को यह लक्षण दिखता है.
hCG और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन बढ़ने से शरीर में थकान महसूस होती है और नींद ज्यादा आती है. यह लक्षण शारीरिक संबंध बनाने के 10-14 दिन बाद दिख सकता है.
मतली और उल्टी को आमतौर पर मॉर्निंग सिकनेस कहा जाता है. यह गर्भावस्था के 2-8 सप्ताह में शुरू हो सकती है. कुछ महिलाओं में यह लक्षण पहले भी दिखाई दे सकता है. यह लक्षण 50-80% गर्भवती महिलाओं में देखा जाता है.