2026 में AI बन सकता है सबसे बड़ा खतरा? प्राइवेसी से लेकर देशों के बीच बढ़ेगा तनाव, जानिए ये 6 खतरे
दुनिया के कई देशों में AI को चलाने वाले डेटा सेंटर्स के खिलाफ आवाज़ें तेज हो रही हैं. अमेरिका में सोशल मीडिया के ज़रिए लोग इनके निर्माण का विरोध कर रहे हैं. आशंका जताई जा रही है कि चीन और रूस जैसे देश इस असंतोष को हवा देने के लिए गलत जानकारी और भ्रामक कंटेंट फैला सकते हैं. AI की मदद से बनाई गई नकली तस्वीरें और वीडियो इतने असली लग सकते हैं कि लोग आसानी से प्रभावित हो जाएं. अगर ऐसा होता है तो न सिर्फ AI प्रोजेक्ट्स की रफ्तार धीमी पड़ सकती है बल्कि देशों के बीच तनाव भी बढ़ सकता है.
2026 में टेक कॉन्फ्रेंस में सबसे ज्यादा चर्चा AI से चलने वाले रोबोट्स की होने की संभावना है. गूगल और दूसरी कंपनियां पहले से ही घरेलू काम करने वाले रोबोट्स पर काम कर रही हैं. अब बड़े भाषा मॉडल्स को रोबोट्स में शामिल कर उन्हें कम ट्रेनिंग में ज्यादा समझदार बनाया जा रहा है. आने वाले समय में ऐसे डेमो दिख सकते हैं, जहां रोबोट खाना बनाते या घर के काम निपटाते नज़र आएं. हालांकि, ये सब अभी प्रदर्शन तक ही सीमित रहेगा क्योंकि घरों में सुरक्षित इस्तेमाल से पहले लंबी टेस्टिंग जरूरी होगी.
पिछले कुछ सालों में AI सेक्टर में भारी निवेश हुआ है लेकिन 2026 में इस रफ्तार में थोड़ी सुस्ती आ सकती है. बड़ी कंपनियां खर्च कम करने और फोकस तय करने के लिए कर्मचारियों की छंटनी कर सकती हैं. अगर किसी बड़ी कंपनी ने ऐसा कदम उठाया तो इसका असर पूरे सेक्टर पर पड़ सकता है. कुछ स्टार्टअप्स शेयर बाजार में उतरने की कोशिश करेंगे लेकिन गलत समय पर लिया गया फैसला नुकसान भी पहुंचा सकता है. इससे AI पर हो रहे खर्च और उसके मुनाफे को लेकर बहस तेज़ होगी.
कई कंपनियां पहले से ही कर्मचारियों की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करती हैं. 2026 में यही डेटा AI को ट्रेन करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. कर्मचारियों के क्लिक, टाइपिंग और स्क्रीन मूवमेंट से AI को जटिल काम सिखाए जा सकते हैं. इससे एक तरफ ऑटोमेशन तेज़ होगा, तो दूसरी ओर नौकरियों पर खतरा और प्राइवेसी को लेकर चिंता बढ़ेगी. अगर यह डेटा गलत तरीके से इस्तेमाल हुआ या लीक हुआ तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं.
मीटिंग के दौरान अपने आप नोट्स बनाने वाले AI टूल्स तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं. ये सॉफ्टवेयर कॉल को सुनते हैं और सार निकालते हैं, कई बार बिना साफ तौर पर बताए. 2026 में ऐसे टूल्स से जुड़ा कोई बड़ा प्राइवेसी विवाद या डेटा लीक सामने आ सकता है. इससे कानून और नैतिकता से जुड़े सवाल खड़े होंगे कि बिना सहमति किसी की बातचीत को प्रोसेस करना कितना सही है.
अमेरिका में AI से चलने वाली रोबोट टैक्सी सेवाएं तेजी से फैल सकती हैं और कई शहरों तक पहुंच सकती हैं. आंकड़े बताते हैं कि ये पारंपरिक गाड़ियों के मुकाबले कम दुर्घटनाएं करती हैं लेकिन फिर भी एक बड़े हादसे की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता. कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि जैसे-जैसे इनका दायरा बढ़ेगा, जोखिम भी बढ़ेगा और AI की जिम्मेदारी पर नई बहस छिड़ेगी.