Ajmer News: 50 साल पहले हुई थी अजमेर डेयरी की शुरुआत, आज 915 करोड़ का है सालाना टर्नओवर
राजस्थान की सबसे चर्चित अजमेर डेयरी आज 50 साल की हो गई है. अजमेर डेयरी की स्थापना 17 अगस्त 1972 को हुई थी. मात्र 34 लीटर दूध के संकलन से शुरू हुई इस डेयरी में आज रोजाना 3.61 लाख लीटर दूध का संकलन किया जा रहा है. आपको जानकर हैरानी होगी कि 50वां स्थापना दिवस मना रही इस डेयरी का सालाना टर्नओवर 915 करोड़ रुपए है.
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In Appअजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने बताया कि 50 साल पहले कोटड़ी गांव से 34 लीटर दूध का संकलन किया जाता था. वर्तमान में पशुपालकों एवं उपभोक्ताओं के सहयोग से प्रतिदिन औसतन 3.61 लाख लीटर दूध का संकलन किया जा रहा है. डेयरी प्लांट की क्षमता 6 लाख लीटर प्रतिदिन है. डेयरी के टर्नओवर में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. निर्वाचित प्रतिनिधि व्यवस्था की शुरूआत के समय वर्ष 1990 में 2.5 करोड़ का कारोबार हुआ था, जो आज 915 करोड़ हो गया है.
अजमेर डेयरी पशु नस्ल सुधार के क्षेत्र में भी बेहतरीन कार्य कर रही है. हरियाणा और गुजरात के पशुपालक भी अजमेर क्षेत्र से प्रेरणा लेते हैं. गिर नस्ल की गाय प्रति गाय 2.50 लाख रुपए तक बिक रही है. स्थानीय नस्ल की भैंस भी कम से कम 80 हजार की दर से उपलब्ध हो पाती है. नस्ल सुधार के क्षेत्र में आगे बढ़ते हुए अजमेर डेयरी ने सेक्स सॉर्टेड सीमन का उपयोग करना शुरू कर दिया है.इसके उपयोग से गायें सिर्फ बछड़ी को ही जन्म देंगी. राष्ट्रीय डेयरी डवलपमेंट बोर्ड द्वारा विकसित तकनीक से प्राप्त सेक्स सॉर्टेड सीमन की सफलता दर 98 प्रतिशत है. अजमेर डेयरी भविष्य में इस सीमन का उपयोग करेगी.
अजमेर डेयरी ने दुग्ध उत्पादों की रेंज का भी विस्तार किया है. वर्तमान में 56 प्रकार के प्रोडक्ट बाजार में उपलब्ध हैं. इससे यह सुनिश्चित हुआ है कि उपभोक्ताओं को सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले उत्पाद मिले. वहीं, पशुपालकों की आय में भी इजाफा हुआ है. सरस की आइसक्रीम पूरी तरह से प्राकृतिक वसा युक्त है. इसमें किसी भी तरह के पादप वसा का इस्तेमाल नहीं किया है. अजमेर डेयरी में बना व्हाईट बटर 441 रुपए किलो बिक रहा है. भविष्य में डेयरी वाईटनर एवं बटर चिपलेट के पाउच भी बाजार में उपलब्ध करवाए जाएंगे.
सरस डेयरी उत्पादकों को 6.5 प्रतिशत फैट एवं 8.6 प्रतिशत एसएनएफ पर 56 रुपए प्रतिकिलो की उच्चतम दर से भुगतान कर रही है. इससे अजमेर डेयरी पर 21 करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय भार हुआ है. पशुपालन के हित में किया गया था. पशुपालकों के मजबूत होने की स्थिति में भविष्य में समय-समय पर दूध के क्रय मूल्य में वृद्धि की समीक्षा की जायेगी. अजमेर डेयरी की 800 रजिस्टर्ड समितियां तथा 66 दुग्ध संलकन केंद्र में स्थापित 300 बल्क मिल्क कूलरों के माध्यम से प्रतिदिन औसतन 3.61 लाख किलो दूध का संलकन किया जा रहा है. यह अधिकतम 4.5 लाख किलो रहा है.
वर्तमान में डेयरी 1800 दुकान एजेंसियों, 481 बूथों और 74 पार्लरों के माध्यम से प्रतिदिन औसतन 2.40 लाख दूध और 40 हजार लीटर दूध उत्पाद का विपणन कर रही है। सबसे ज्यादा 2.84 लाख लीटर दूध की बिक्री हुई है. तमिलनाडु डेयरी फेडरेशन, कोल्हापुर, महाराष्ट्र फेडरेशन, महानंदा बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और अहमदाबाद गुजरात आदि ने व्हाईट बटर का ऑर्डर दिया है. वर्तमान में इसकी काफी मांग है.
मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना के तहत 5 रुपये प्रति लीटर का अनुदान सीधे दूध उत्पादकों के बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से पहुंचता है. इस अनुदान से सरस डेयरी को नई गति मिली है और दुग्ध उत्पादन में एक नया आयाम जुड़ गया है. पशुपालकों के हित में यहां कई जनकल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं. पशुपालन बीमा, चारा जलाने पर सहायता, पशुओं की आकस्मिक मृत्यु पर सहायता, टीकाकरण एआई जैसी सुविधाएं पशुपालकों को लाभान्वित कर रही हैं.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -