Jabalpur News: इस बगीचे में 'फलों के राजा' की सुरक्षा में तैनात हैं 12 खतरनाक डॉग्स
Jabalpu News: गर्मी का मौसम अपने साथ हर आम और खास के लिए मिठास भी लेकर आता है. इस मौसम में सबसे ज्यादा मीठा अगर कुछ मिलता है तो वो फलों का राजा आम है. क्या आपको पता है कि आम सिर्फ भारत में ही नहीं होता बल्कि विदेशों में भी उगाया और बड़े चाव से खाया जाता है. यहां पैदा होने वाले आम की किस्मों और विदेश में मिलने वाली आम की प्रजातियों में भी अंतर है. लेकिन आज हम आपको एमपी के जबलपुर के एक बगीचे के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पर आम की कई किस्में उगाई जाती हैं....
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View In Appदेश के कई राज्यों में तरह-तरह के आम की पैदावार की जाती है लेकिन मध्यप्रदेश में जबलपुर से करीब 25 किलोमीटर दूर नानाखेड़ा हिनोता में आम की देश-विदेश की नई-नई किस्में पैदा की जा रही हैं. आम की नई प्रजातियां पैदा करने के लिए मशहूर संकल्प रानी परिहार के श्री महाकालेश्वर हाइब्रिड फार्महाउस में आम की कई किस्मों को तैयार किया जा रहा है.यहां 3 हजार 600 पौधे लगाए गए है.खास बात है कि यहां भारत में पाई जाने वाली आम की सभी वैरायटी के अलावा विदेशों में पाई जाने वाली करीब 8 किस्मों के पेड़ तैयार किए गए है.भारत में करीब 50 तरह के आम उगाए जाते हैं.
इस बगीचे में आठ इंटरनेशनल आम की वैरायटी के साथ बीस इंडियन आमों की वैरायटी है. जिसमें जंबो ग्रीन आम जिसे तलाला गिर केशर आम भी कहा जाता है.नेपाल का केशर बादाम आम.चीन का आइवरी हाथी दांत आम.अमेरिका के फ्लोरिडा में पैदा होने बाला मेंगीफेरा 'टॉमी' एटकिंस जिसे ब्लैक मेंगो भी कहा जाता है.उसके साथ ही जेपनीज बैगन, मियाजाकी, जापान का टाइयो नो टमैंगो जिसे एग ऑफ सन (EGG OF SUN) यानी सूर्य का अंडा भी कहा जाता है.ये सभी शामिल है.
संकल्प सिंह कहते हैं कि जापान का मियाजाकी आम दुनिया का सबसे महंगा आम है.ये जापान के मियाजाकी प्रान्त में ही उगाया जाता है और उसी के नाम पर इसका भी नाम मियाजाकी है. लाखों में कीमत होने के कारण जापान में तो इसकी बोली लगाई जाती है.भारतीय रुपयों में इसकी कीमत 2 लाख 70 हजार रुपये है.यह आम भी संकल्प के बगीचे में फलता है.संकल्प सिंह कहते हैं कि जापान का ही एक और काफी महंगा आम 'टाइयो नो टमैंगो'जिसे EGG OF SUN यानी सूर्य का अंडा भी कहा जाता है,इस बगीचे में पैदा होता है.
संकल्प सिंह द्वारा इस बार अपने बगीचे में आमों की एक नई किस्म उगाई है. ये है, अमेरिका के फ्लोरिडा में पैदा होने बाला मैंगिफेरा 'टॉमी एटकिंस' जिसे ब्लेक मेंगो के नाम से भी जाना जाता है. इसमें कई विशेष गुण होते हैं.जिनमें से एक ये है कि इसका सेवन करने से ब्लड शुगर नहीं बढ़ता है. ये मधुमेह के रोगियों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है,जिन्हें आमतौर पर फलों के राजा का सेवन करने से डॉक्टर मना करता है. ये किस्म, जिसे काला आम भी कहा जाता है, गहरे बैंगनी रंग की होती है और इसका पल्प लाल रंग का होता है. इस आम में मिठास तो कम होती है लेकिन स्वाद अधिक होता है.जो इसे मधुमेह के रोगियों के लिए उपभोग के लिए एक आदर्श किस्म बनाता है.
संकल्प सिंह बताते हैं कि चीन में पाया जाने बाला आइवरी जिसे हाथी दांत या 2 KG आम भी कहा जाता है.इस आम का औसत वजन 2 से 3 किलो तक का होता है. कई बार 4 किलो तक के भी आम मार्केट में देखे जा चुके हैं. ये आम एक से डेढ़ फीट तक लंबे होते हैं.इसके पेड़ों पर जनवरी महीने में ही बौर आने शुरू हो जाते हैं और जून के आखिर तक फल पककर तैयार होते हैं.इनकी गुठली का वजन भी सौ से दो सौ ग्राम तक होता है.ये बाकी आमों के मुकाबले बड़ा होता है और देखने में अलग नजर आता है.इसलिए अमीर परिवार इस आम के लिए बड़ी कीमत अदा करने को भी तैयार रहते हैं.
संकल्प सिंह परिहार ने बताया कि ये आम के फल उनके लिए बच्चों के समान हैं. यही वजह है कि उन्होंने बगीचे में आने वाले लोगों से अपील की है कि वो ब्लैक मेंगो, जंबो ग्रीन और 'मियाजाकी, आम' को देखें और उसके साथ सेल्फी भी लें लेकिन इसे छुए नहीं.उनका कहना है कि ये आम बहुत ही नाजुक होता है और जरा सा धक्का लगने से ही है टूट जाता है. लिहाजा संकल्प सिंह ने लोगों से निवेदन किया है कि इसे टच ना करें.
अपने बगीचे की चोरों से रखवाली के लिए संकल्प ने खतरनाक किस्म के कुत्ते भी पाल रखे है.इस साल ढाई लाख के 'मियाजाकी' की सुरक्षा में 12 विदेशी और 3 देशी नस्ल के डॉग रखे हैं. इसके अलावा 4 सुरक्षा गार्ड भी है जो कि 24 घंटे मियाजाकी की सुरक्षा में तैनात रहते हैं. इतना ही नहीं सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है, जिनके जरिए भी निगरानी की जाती है.
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