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(Source: ABP Cvoter)
Champai Soren: पिता के साथ खेती करने वाले चंपई सोरेन कैसे बने 'झारखंड टाइगर'? आज लेंगे CM पद की शपथ
झारखंड के नए मुख्यमंत्री के तौर पर चंपई सोरेन आज शपथ लेने वाले है. सरायकेला-खरसांवा जिले के जिलिंगगोड़ा गांव में अपने पिता के साथ खेतों में काम करने से लेकर नए मुख्यमंत्री के रूप में नाम प्रस्तावित किए जाने तक का चंपई सोरेन का सफर काफी संघर्षपूर्ण रहा है.
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View In Appझामुमो प्रमुख शिबू सोरेन के वफादार माने जाने वाले राज्य के परिवहन मंत्री चंपई सोरेन को 1990 के दशक में अलग (झारखंड) राज्य के लिए चली लंबी लड़ाई में योगदान देने को लेकर ‘झारखंड टाइगर’ के नाम से भी जाना जाता है.
चंपई सोरेन का कहना है कि उन्होंने अपने पिता (सिमल सोरेन) के साथ खेतों में भी काम किया है. अब किस्मत ने मुझे एक अलग भूमिका निभाने का मौका दिया है.
धन शोधन के एक मामले में हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने और फिर उनकी गिरफ्तारी होने के बाद चंपई झामुमो विधायक दल के नए नेता चुने गए. सरकारी स्कूल से मैट्रिक तक की पढ़ाई करने वाले चंपई की शादी काफी कम उम्र में ही हो गई थी. उनके चार बेटे और तीन बेटियां हैं.
चंपई सोरेन ने 1991 में सरायकेला सीट से उपचुनाव में निर्दलीय विधायक चुने जाने के साथ अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत की. इसके चार साल बाद उन्होंने झामुमो के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा और बीजेपी उम्मीदवार पंचू टुडू को हराया था.
सरायकेला सीट से ही 2000 के विधानसभा चुनाव में इसी सीट पर वह बीजेपी के अनंत राम टुडू से हार गए थे. उन्होंने 2005 में, बीजेपी उम्मीदवार को 880 मतों के अंतर से शिकस्त देकर इस सीट पर फिर से अपना कब्जा जमा लिया. चंपई ने 2009, 2014 और 2019 के चुनावों में भी जीत हासिल की.
आज शपथ ग्रहण के बाद पांच फरवरी को महागठबंधन के सरकार की असली परीक्षा होगी. चंपई सोरेन को विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा.
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